21 C
Bhopal
Tuesday, November 12, 2024

लाडली बहना योजना पर सियासी संग्राम: संजय राउत और सीएम डॉ. मोहन यादव के बीच आरोप-प्रत्यारोप

Must read

भोपाल/मुंबई: मध्य प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई लाडली बहना योजना अब सियासी विवाद का केंद्र बन गई है। शिवसेना नेता संजय राउत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बीच इस योजना को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है, जिससे राजनीतिक हलचल बढ़ गई है।

संजय राउत ने लाडली बहना योजना पर निशाना साधते हुए कहा कि यह योजना राजनीतिक स्टंट से अधिक कुछ नहीं है और इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने दावा किया कि योजना अगले महीने से बंद हो सकती है क्योंकि वित्त विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि इसे जारी रखना मुश्किल है। राउत के इस बयान से राजनीतिक पारा और चढ़ गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संजय राउत के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पलटवार किया। उन्होंने कहा, “लाडली बहना योजना पूरी तरह से सफल है और हर महीने नियमित रूप से महिलाओं के खाते में 1250 रुपए की राशि ट्रांसफर की जा रही है। इस योजना को बंद करने का सवाल ही नहीं उठता, बल्कि हम इसे और भी मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि रानी दुर्गावती जयंती के अवसर पर पूरे प्रदेश की महिलाओं के खातों में एक साथ 5,000 रुपए की राशि जमा की गई थी।

राउत के बयानों के बाद बीजेपी के महिला मोर्चा ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। भोपाल में महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने संजय राउत के खिलाफ प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ झूठी अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष सुषमा चौहान ने कहा, “राउत के इस तरह के बयान से जनता में भ्रम पैदा हो रहा है। हमें इस पर सख्त कार्रवाई की मांग करनी चाहिए ताकि इस प्रकार की अफवाहों पर रोक लग सके।”

इस बीच, महाराष्ट्र में भी महिलाओं के लिए योजना को लेकर चर्चा तेज हो गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने बजट में इस योजना को लागू करने की घोषणा की, जिससे यह योजना अब महाराष्ट्र में भी शुरू हो गई है। इस निर्णय के बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश दोनों में इस योजना को लेकर राजनीति और गरमा गई है।

लाडली बहना योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है और इसे राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन इस योजना पर हो रही सियासी खींचतान से यह स्पष्ट हो गया है कि यह मुद्दा आने वाले चुनावों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!