मध्य प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव से पूर्व लागू की गई मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना ने बेरोजगार युवाओं के लिए नई संभावनाएं खोली थीं। लेकिन अब, चुनाव समाप्त होने के बाद, सरकार द्वारा कुछ विशेष उम्मीदवारों को गुपचुप तरीके से परमानेंट करने के आरोप लग रहे हैं। यह मामला तब प्रकाश में आया जब ऊर्जा विभाग के मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर की एक नोट शीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
13 अगस्त 2024 को हस्ताक्षरित इस नोट शीट में मंत्री ने मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के तहत कंप्यूटर ऑपरेटर श्रेणी के एक उम्मीदवार को नियमित करने का आग्रह किया था। इस संदर्भ में, 23 अगस्त को ऊर्जा विभाग के ओएसडी द्वारा प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को निर्देश दिया गया था। 18 सितंबर 2024 को मुख्य महाप्रबंधक नीता राठौर ने अधीक्षण अभियंता को इस विषय में पत्र लिखा, जिसमें मंत्री जी के निर्देश का पालन करने की बात कही गई।
इस पर योजना के अन्य उम्मीदवारों ने सवाल उठाए हैं कि इस तरह से केवल एक विशेष उम्मीदवार को नियमित करना उचित नहीं है। उनका मानना है कि सभी सफलतापूर्वक प्रशिक्षित उम्मीदवारों को समान अवसर मिलने चाहिए। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस मामले में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए।
आगे की कार्रवाई:
यह मामला न केवल बेरोजगारी की समस्या को उजागर करता है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि क्या सभी उम्मीदवारों के लिए समान नीति लागू की जा रही है। यह सवाल उठता है कि क्या सरकार वास्तव में युवाओं के कल्याण के प्रति गंभीर है या केवल कुछ विशेष व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
आवश्यकता है कि इस मामले की उचित जांच की जाए ताकि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके और सरकारी नीतियों में पारदर्शिता बनी रहे।