जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में बिजली चोरी का एक अनोखा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दो इलेक्ट्रिशियनों ने फर्जी बिजली ऑफिस खोलकर स्मार्ट मीटर में धांधली कर लोगों के बिजली बिल को आधा करने का दावा किया। पुलिस ने इस मामले में माजिद और कैलाश कोरी नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो लोगों से 5000 से 10,000 रुपये लेकर उनके स्मार्ट मीटर की रीडिंग में हेरफेर कर बिजली बिल कम कर देते थे।
फर्जी बिजली ऑफिस से चल रही थी धोखाधड़ी
माजिद और कैलाश ने अपने घर में ही फर्जी बिजली ऑफिस खोल रखा था। ये दोनों सामान्य तारों और तकनीकी उपकरणों का उपयोग करके स्मार्ट मीटर में शंट डालते थे, जिससे मीटर की रीडिंग धीमी हो जाती थी या बंद हो जाती थी। इस फर्जीवाड़े के लिए दोनों आरोपियों ने बिजली विभाग की सीलें, स्टेशनरी और अन्य उपकरण भी इकट्ठे किए थे, जो केवल विभागीय अधिकारियों के पास होते हैं।
50 से अधिक मीटरों में शंट लगाने का आरोप
बिजली विभाग को यह संदेह तब हुआ जब जांच के दौरान कई स्मार्ट मीटरों में शंट लगे पाए गए। विभाग की टीम ने आरोपियों के घर पर छापा मारा, जहां से 50 से अधिक स्मार्ट मीटर जब्त किए गए। इनमें से कई मीटरों में पहले से ही शंट लगा हुआ था। कैलाश कोरी, जो इस धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, फिलहाल फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।
स्मार्ट मीटरों में गड़बड़ी से मचा हड़कंप
इस धोखाधड़ी के खुलासे से जिले में हड़कंप मच गया है। यह मामला मध्य प्रदेश विद्युत मंडल की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठाता है, क्योंकि बोर्ड ने पहले दावा किया था कि नए स्मार्ट मीटरों में बिजली चोरी संभव नहीं है। हालांकि, आरोपियों ने इस दावे को गलत साबित करते हुए 50 से अधिक मीटरों में शंटिंग कर बिजली बिल को कम किया।
विद्युत मंडल की कार्रवाई और जांच
सिटी सर्कल के अधीक्षण अभियंता संजय अरोरा ने बताया कि विभाग ने इस फर्जीवाड़े को उजागर करने के लिए पिछले कुछ दिनों में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की थी। अब विभाग जब्त किए गए सभी मीटरों की जांच कर रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितनी बिजली चोरी की गई है और इससे विभाग को कितना नुकसान हुआ है। फिलहाल, पुलिस और विद्युत विभाग की टीम मिलकर मामले की गहनता से जांच कर रही हैं और फरार आरोपी कैलाश की तलाश जारी है।
जबलपुर में इस तरह के फर्जी बिजली ऑफिस और स्मार्ट मीटरों में छेड़छाड़ से न केवल विद्युत विभाग की सुरक्षा प्रणाली की कमजोरी उजागर होती है, बल्कि आम जनता को भी ऐसे धोखेबाजों से सतर्क रहने की जरूरत है। स्मार्ट मीटर में शंटिंग जैसी तकनीकी धांधली से निपटने के लिए विभाग को अपनी सुरक्षा प्रणाली को और सुदृढ़ करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।