भोपाल। केंद्र सरकार ने घूम-घूमकर सब्जी, फल या अन्य खाद्य सामग्री बेचने वाले विक्रेताओं को बड़ी राहत दी है। अब वे खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) में पांच साल के लिए निशुल्क पंजीकरण करा सकेंगे।
पहले, पांच साल के पंजीकरण के लिए 500 रुपये की फीस ली जाती थी, जो अब समाप्त कर दी गई है। इसके साथ ही, पंजीकरण न होने पर जुर्माने और अन्य कानूनी कार्रवाई से भी उन्हें राहत मिलेगी। बिना पंजीकरण के पकड़े जाने पर 5000 से 20,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता था।
आर्थिक तंगी के कारण कई विक्रेता पंजीकरण कराने से बचते थे, इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने यह सुविधा दी है। एफएसएसएआई ने 30 सितंबर को इसके संबंध में आदेश जारी किए हैं। विक्रेता एमपी ऑनलाइन के जरिए या स्वयं भी पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड और फोटो के साथ यह जानकारी देनी होगी कि वे कौन-सा व्यापार करते हैं।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक मयंक अग्रवाल का कहना है कि एफएसएसएआई का यह कदम बेहद सराहनीय है। जो फेरीवाले अब तक पंजीकरण नहीं करा पाए थे, वे अब निशुल्क पंजीकरण कर सकेंगे।
मध्य प्रदेश स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रत्नेश उपाध्याय ने बताया कि राज्य में लगभग 38 लाख खाद्य विक्रेता हैं, जिनमें 16 से 18 लाख फेरीवाले शामिल हैं।
फेरी वालों को मिलने वाले फायदे:
1. बिना लाइसेंस पकड़े जाने पर अब 5000 से 20,000 रुपये तक का जुर्माना नहीं लगेगा।
2. पंजीकरण की शर्तों के अनुसार उन्हें अपने काम के नियम और कायदे पता होंगे।
3. खाद्य एवं औषधि प्रशासन के पास उनका रिकॉर्ड होने से उन्हें विभाग या एनजीओ के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।
सरकार को मिलने वाले फायदे:
1. पंजीकरण से फेरीवालों का पूरा विवरण सरकार के पास रहेगा।
2. पंजीकरण के साथ फेरीवालों को शपथ पत्र देना होगा कि वे नियमों का पालन करेंगे।
3. पंजीकरण में उनका पता और मोबाइल नंबर होने से शिकायत मिलने पर नोटिस भेजना आसान होगा।
4. खाद्य सामग्री की स्वच्छता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना आसान होगा।
5. जरूरत पड़ने पर एक साथ सभी फेरीवालों को मोबाइल पर संदेश भेजा जा सकेगा।