नई दिल्ली।रूस के कजान शहर में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होने जा रही है। इस मुलाकात पर दुनिया की नजर रहेगी। यह मुलाकात ऐसे समय होने जा रही है जब भारत और चीन सीमा पर विवाद सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं
पहले सीमा विवाद पर समझौता, अब बड़ी मुलाकात
हाल ही में भारत और चीन ने लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को हल करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों ने हाल ही में घोषणा की कि अप्रैल 2020 में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग से जुड़े विवाद को सुलझाने पर सहमति हो गई है।
सोमवार को विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस समझौते की पुष्टि करते हुए कहा था कि भारत और चीन के बीच 2020 से पहले की स्थिति बहाल हो गई है। मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने भी इस समझौते की पुष्टि कर दी।
चीन का भारत के प्रति नरम रुख
चीन की ओर से भारत के प्रति रुख में बदलाव का संकेत मिला है। मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि भारत के साथ लगती LAC (पूर्वी लद्दाख क्षेत्र) पर चार साल से जारी विवाद के समाधान के लिए दोनों देशों के बीच समझौता हो गया है। प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर संवाद चल रहा था, जिसके आधार पर अब सहमति बन गई है। चीन इसे लागू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा।
इससे पहले पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात मॉस्को में हुई थी। इस द्विपक्षीय बैठक के दौरान रूस-भारत के घनिष्ठ संबंधों पर जोर देते हुए पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध विशेषाधिकार प्राप्त और तेजी से विकसित हो रहे हैं। इस बैठक में पुतिन ने एक रोचक टिप्पणी की, कि पीएम मोदी बिना अनुवाद के उनकी बात समझ रहे हैं, क्योंकि दोनों के बीच बेहद अच्छे संबंध हैं।