महाराष्ट्र।महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की जांच में मुंबई क्राइम ब्रांच ने खुलासाकिया है कि स्क्रैप डीलरों ने साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया। अब तक पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से कई उत्तर प्रदेश के बहराइच के स्क्रैप डीलर हैं। पुणे के डीलर हरीश निसाद मुख्य साजिशकर्ता शुभम लोनकर और उसके भाई प्रवीण लोनकर से जुड़ा था। प्रवीण पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।
आरोपी हरीश, धर्मराज कश्यप, फरार मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम, राम कनौजिया, और कालूराम सिंह सभी स्क्रैप डीलर हैं। आरोपी जिसान अख्तर भी इसी व्यापार से जुड़ा है। पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये सभी आरोपी हथियारों की आपूर्ति में शामिल थे।
सिद्दीकी की हत्या की साजिश जून में रची गई थी। पुलिस के अनुसार, हत्या की साजिश दो गुटों में बांटी गई थी। एक गुट का नेतृत्व नितिन सप्रे और राम कनौजिया कर रहे थे, जबकि दूसरे गुट का नेतृत्व जिसान अख्तर और शुभम लोनकर ने किया। राम कनौजिया के गुट ने अंततः हत्या से पीछे हटने का फैसला किया, लेकिन अन्य आरोपियों को मदद दी। इसके बाद लोनकर ने स्क्रैप डीलरों को कुछ लाख रुपये देने का वादा कर उन्हें शामिल किया। हत्या के बाद अधिक पैसे देने का भी आश्वासन दिया गया था।
साजिशकर्ताओं में नितिन गौतम सप्रे, संभाजी किशन पारबी, राम कनौजिया, प्रदीप तोंब्रे और चेतन दिलीप पारधी शामिल थे। वहीं, रूपेश मोहोल, करण साल्वे और शिवम कोहाड़ भी इस समूह का हिस्सा थे, जो प्रवीण लोनकर के संपर्क में थे। स्थानीय गैंगस्टर शरद महोल से प्रभावित रूपेश की आपराधिक पृष्ठभूमि भी सामने आई है। जब यह समूह पीछे हट गया, तो जिसान अख्तर, शिवकुमार गौतम, गुरमेल सिंह, हरीश कुमार निसाद, अमित कुमार, भागवत सिंह, शुभम और प्रवीण लोनकर ने हत्या को अंजाम दिया।
शूटर को देश से भगाने की योजना के तहत पासपोर्ट देने का वादा किया गया था। पुलिस के अनुसार, मास्टरमाइंड ने शूटर गुरनैल सिंह को 50 हजार रुपये भी दिए थे। हमले के बाद गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि शिवकुमार भागने में सफल रहा। गुरमेल सिंह, जो हरियाणा के कैथल का रहने वाला है, पर 2019 में हत्या का मामला दर्ज था और उसे दोषी ठहराए जाने का डर था, इसलिए वह देश छोड़ने की योजना बना रहा था।
साजिशकर्ताओं ने उसके लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने और विदेश भागने में मदद का आश्वासन दिया था। पुलिस के अनुसार, वांछित आरोपी जिसान अख्तर, जो जालंधर का रहने वाला है, जुलाई में हरियाणा में अमित कुमार के घर पर रुका था। अमित कुमार ही अख्तर और गुरनेल सिंह के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी था।