भोपाल। बीजेपी संगठन की बैठक में शामिल होने पहुंची बीना विधायक निर्मला सप्रे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा की सदस्यता नहीं ली है। न ही विधानसभा में किसी तरह का हलफनामा दिया है। मेरे हलफनामे की खबर गलत है।विधानसभा में जल्द पूरी स्थिति स्पष्ट करूंगी। मैं जनता की विधायक हूं और वे मेरे लिए प्रमुख हैं… उनका यह बयान कई सवालों को जन्म दे रहा है।
बीजेपी में शामिल होने की कहानी…
निर्मला सप्रे ने 5 मई को लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सभा में बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया था। हालांकि, हाल ही में दिए गए उनके बयान ने यह संकेत दिया है कि वे अब भी कांग्रेस की विधायक हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं जनता की विधायक हूं। जनता ने मुझे चुना है और मैं उनके हित में निर्णय लूंगी।
जब उनसे पूछा गया कि वे किस पार्टी में हैं, तो सप्रे ने कहा कि आप सब समझ ही रहे हैं। जल्दी अच्छी खबर आने वाली है। यह बयान संभावित दलबदल की ओर इशारा करता है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने विधानसभा में बीजेपी की सदस्यता का कोई हलफनामा नहीं दिया है।
निर्मला सप्रे की स्थिति राजनीतिक अनिश्चितता का प्रतीक बन चुकी है। बीजेपी में शामिल होने का ऐलान करने के बावजूद वे कांग्रेस विधायक बने रहना चाहती हैं, जो उनके प्रति मतदाताओं की संभावित प्रतिक्रिया को लेकर कई सवाल खड़े करता है। क्या वे अपनी दलीय पहचान को स्पष्ट करेंगी? क्या यह स्थिति उपचुनाव को जन्म देगी? यह प्रश्न अब राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गए हैं।