भोपाल। वर्तमान में कोई प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। हवाओं का रुख भी अभी दक्षिण-पूर्वी बना हुआ है। इस वजह से प्रदेश में तापमान बढ़ने लगा है। इसी क्रम में शुक्रवार को प्रदेश में सबसे अधिक 36.6 डिग्री सेल्सियस तापमान खजुराहो में दर्ज किया गया। भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर में भी शुक्रवार का दिन पिछले 10 वर्षों की तुलना में सबसे गर्म रहा।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, किसी प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत पहुंचने और हवा का रुख उत्तरी होने पर ही तापमान में कुछ गिरावट होने की संभावना है। वर्तमान में पूर्वी असम एवं पश्चिमी असम पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बने हुए हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र से पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि इन दोनों मौसम प्रणालियों का मध्य प्रदेश के मौसम पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ रहा है। हवाओं का रुख वर्तमान में दक्षिण-पूर्वी बना हुआ है। इस वजह से प्रदेश के अधिकतर शहरों में तापमान बढ़ा हुआ है। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन-चार दिन तक बना रह सकता है।
प्रदेश में बढ़ने लगी सिहरन
उत्तर भारत में किसी प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने के बाद वहां के पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा एवं बर्फबारी होती है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने के बाद हवाओं का रुख उत्तरी होने लगता है। वहां से आने वाली सर्द हवाओं के कारण प्रदेश में सिहरन बढ़ने लगती है। रात के तापमान में गिरावट होने लगती है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक सप्ताह बाद ही रात के तापमान में कुछ कमी आने के आसार हैं।