नई दिल्ली। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में केतु को पापी और छाया ग्रह माना गया है। सभी ग्रहों की तरह इसका भी विशेष महत्व होता है। कुंडली में इसकी स्थिति मनुष्य के जीवन में शुभ और अशुभ प्रभाव डालती है। यह अश्विनी, मूल और महा नक्षत्र का स्वामी है। इसे किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। केतु की उच्च राशि धनु और मिथुन नीच राशि है। पापी ग्रह जब भी अपनी चाल बदलता है तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है।
10 नवंबर केतु उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करने जा रहा है। इस नक्षत्र के स्वामी ग्रहों के राजा सूर्य हैं। दोनों को एक दूसरे का शत्रु माना जाता है। इस नक्षत्र गोचर का बुरा प्रभाव कई राशियों पर पड़ेगा। उनके जीवन में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आने वाले समय में सतर्क रहने की जरूरत है। आइए जानें किन-किन लोगों के लिए केतु का नक्षत्र गोचर मुश्किलें बढ़ा सकता है-
सिंह राशि (Leo)
सिंह राशियों के जातकों के लिए केतु का नक्षत्र परिवर्तन शुभ नहीं रहेगा। मानसिक तनाव बढ़ सकता है। धन हानि होने की संभावनाएं हैं। करियर में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में सहकर्मी और बॉस के साथ संबंध बुरे हो सकते हैं। कर्ज में वृद्धि हो सकती है। परिवार में लड़ाई-झगड़ें बढ़ सकते हैं। किसी को उधार देने या निवेश करने से बचें।
मेष राशि (Aries)
मेष राशि के जातकों पर भी केतु नक्षत्र गोचर बुरा प्रभाव पड़ेगा। धन से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। करियर को लेकर टेंशन बढ़ सकती है। कारोबार में भी नुकसान होगा। इनकम में गिरावट आएगी छात्रों का भी इस दौरान पढ़ाई में मन नहीं लगेगा। परीक्षा में कम आ सकते हैं। लव लाइफ और मैरिड लाइफ के लिए यह समय शुभ नहीं रहेगा। सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत है।
मीन राशि (Pisces)
मीन राशि के जातकों के लिए भी केतु का यह नक्षत्र गोचर मुश्किलें बढ़ाएगा। आय में कमी आएगी। करियर में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। कारोबार में भी नुकसान होगा। धन खर्च पर काबू रखने की जरूरत है। वरना आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं। छात्रों को इस दौरान अधिक मेहनत करने की जरूरत पड़ेगी। प्रेमियों के लिए भी यह समय शुभ नहीं रहेगा। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण धन खर्च बढ़ेंगा। अस्पताल के चक्कर काटने पर सकते हैं।