ग्वालियर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अल्प प्रवास पर ग्वालियर पहुंचे और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के साथ वर्षों से बंद पड़ी जेसी मिल का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ मिल की जमीन का नक्शा देखा। मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे अन्य बंद पड़ी मिलों का समाधान निकाला गया है, वैसे ही जेसी मिल का भी समाधान जल्द निकाला जाएगा। मजदूरों की देनदारी पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों का हित उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि सरकार इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार बढ़ाने और पुरानी बंद पड़ी उद्योगों के मजदूरों को उनकी देनदारी दिलाने के प्रयास कर रही है।
लावारिस पड़ी कीमती जमीन का उपयोग हमारी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि जेसी मिल के 8,000 से अधिक मजदूर अपनी देनदारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, इनमें से कुछ मजदूर अब जीवित नहीं हैं, लेकिन उनके परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। सरकार का पहला कर्तव्य है कि मजदूरों की देनदारी चुकाई जाए और इस भूमि का विकास में उपयोग हो।
मुकदमेबाजी से नहीं, समाधान से हल होगा मामला
मुख्यमंत्री यादव ने इंदौर की हुकुमचंद मिल और उज्जैन की विनोद विमल मिल के मजदूरों की देनदारी का उदाहरण देते हुए कहा कि उसी प्रकार जेसी मिल के मामले में भी समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य मुकदमा लड़ना नहीं, बल्कि समाधान खोजना है।
भारत का विश्व में बढ़ता प्रभाव और पीएम मोदी की अहम भूमिका
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के कारण आज भारत का विश्व में महत्वपूर्ण स्थान है। अमेरिका, रूस सहित दुनिया की महाशक्तियां भारत के साथ अपने हित जोड़ती हैं।
रामनिवास रावत ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा विकास के लिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामनिवास रावत ने श्योपुर और विजयपुर के विकास की भावना से भाजपा का साथ दिया। वे कई बार कांग्रेस से विधायक रहे, लेकिन श्योपुर का विकास पीछे रह गया, इसी कारण उन्होंने भाजपा को चुना।
जर्मनी और इंग्लैंड दौरे पर मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में आर्थिक मजबूती लाने के लिए इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की जा रही हैं। इस क्रम में 23 नवंबर से 1 दिसंबर तक वे जर्मनी और इंग्लैंड के दौरे पर रहेंगे, जहां निवेशकों को मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित करेंगे।