ग्वालियर: उप्र के राज्यमंत्री मनोहरलाल पंथ मन्नू कोरी पर हमला कर पीएसओ सर्वेश कुमार की पिस्टल लूटने के मामले में तीन और आरोपित पकड़े गए हैं। मुख्य आरोपित बंटी यादव को रात में ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
पुलिस ने सरगना से रात में पूछताछ की तो वह पुलिस को गुमराह कर अपने दुश्मनों के नाम बता रहा था। हमले में शामिल अपने मामा और भतीजों को बचाने की कोशिश कर रहा था। जब पुलिस ने सख्ती की तो उसने नाम बता दिए। अब तक इस कांड में चार आरोपित पुलिस ने पकड़ लिए हैं।
शुक्रवार शाम करीब 6.40 बजे मंत्री मनोहरलाल पंथ मन्नू कोरी जब अपनी फार्च्युनर कार से आगरा से ग्वालियर होते हुए ललितपुर जा रहे थे तो जौरासी क्षेत्र में बाइक सवार बंटी यादव और साथी लाठियों से लैस होकर आए और हमला कर दिया। मंत्री के पीएसओ सर्वेश कुमार, अर्दली राकेश कुमार, पीआरओ संजू चौबे व चालक अमित कुमार से मारपीट की। पीएसओ सर्वेश कुमार की पिस्टल लूट ली थी।
मंत्री के साथ हुई इस घटना के बाद हड़कंप मच गया था। आइजी अरविंद सक्सेना, डीआइजी अमित सांघी और एसपी धर्मवीर सिंह कुछ ही देर में वहां पहुंचे थे। इसके बाद टीमें लगाकर आरोपित बंटी यादव को पकड़ लिया गया। उससे मंत्री के पीएसओ की लूटी गई पिस्टल भी बरामद हो गई थी। बंटी और उसके साथियों पर मारपीट, धमकाने और लूट सहित अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई थी।
बंटी यादव से जब रात में पूछताछ की गई तो वह पुलिस को गुमराह कर रहा था। उसका जिनसे झगड़ा चल रहा है, उन्हें फंसाने के लिए उनका नाम ले दिया। जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो बताया कि उसके मामा कप्तान सिंह, भतीजे भूपेंद्र और भोला भी इस कांड में शामिल थे। देर रात इन तीनों को भी पकड़ लिया।
जैसे ही बंटी यादव और उसके साथियों को थाने लाया गया तो वे गिड़गिड़ाने लगे। पुलिस के सामने माफी मांगने लगे। यह लोग बार-बार बोल रहे थे कि पता नहीं था कि यह गाड़ी मंत्री की है। उनसे गलती हो गई।
यह पूरी घटना यहां जाम की वजह से हुई। सुबह से जाम लगा था। जाम लग रहा था लेकिन पुलिस नदारद थी। आइजी अरविंद सक्सेना का कहना है कि इसमें जांच कराई जाएगी कि किसकी लापरवाही रही। जब जाम लग रहा था तो थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी कहां थे, जाम खुलवाने के लिए क्या प्रयास किए, इसकी रिपोर्ट ली जाएगी।