दमोह। दमोह जिले के हटा ब्लॉक के हिनौता हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई करने वाले 11वीं कक्षा के छात्र ने 2,700 रुपए में एक पौधारोपण करने वाली मशीन तैयार की है। यह मशीन न केवल गड्ढा खोदती है, बल्कि पौधा भी लगाकर उसे तुरंत पानी देती है। खास बात यह है कि इस मशीन को चलाने में कोई शारीरिक मेहनत नहीं करनी पड़ती, क्योंकि यह सौर ऊर्जा से चलती है। इस छात्र के मॉडल को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में चुने जाने के बाद अब राष्ट्रीय विज्ञान मेले के लिए भेजा गया है। इससे पहले, इस छात्र ने एक रोबोट भी तैयार किया था।
हटा ब्लॉक के धूरखेड़ा गांव के रहने वाले चंद्रपाल पटेल ने सोलर ऊर्जा से चलने वाली एक मशीन बनाई है, जो पौधारोपण का पूरा काम अकेले ही करती है। इस मशीन को केवल एक व्यक्ति चला सकता है। चंद्रपाल ने बताया कि उसे बचपन से ही मशीनों को खोलने और जोड़ने का शौक था, और इसी शौक ने उसे वैज्ञानिक बनने की प्रेरणा दी। उनके कमरे में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और अन्य प्रमुख नेताओं की तस्वीरें लगी हुई हैं, जो उनके लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
इससे पहले, चंद्रपाल ने एक प्लास्टिक के पुतले में एक रोबोट तैयार किया था, जो बोलने, गर्दन हिलाने और हाथ चलाने में सक्षम था। सीमित संसाधनों के बावजूद, उसने यह रोबोट बनाकर दिखाया था, जिसमें उसने कुछ सामान ऑनलाइन मंगाए और बाकी कबाड़ से जुटाए। चंद्रपाल का मानना है कि यह मशीन वन विभाग के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है, क्योंकि पौधारोपण में बहुत मेहनत लगती है और इस मशीन के माध्यम से मजदूरों की कमी को दूर किया जा सकता है।
चंद्रपाल के पिता, दुर्गा प्रसाद, जो हरियाणा में दूध डेयरी में मजदूरी करते हैं, बेटे की इस शोध में हर संभव मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह अपनी मेहनत की कमाई से बेटे के शोध के लिए पैसे जुटाते हैं और उसके लिए एक अलग कमरे में प्रयोगशाला भी तैयार करवाई है, ताकि चंद्रपाल अपने आइडिया पर काम कर सके।