नई दिल्ली। खराब लाइफस्टाइल के कारण कम उम्र में ही लोग हार्ट संबंधी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। खराब खानपान और एक्सरसाइज की कमी का सीधा असर हार्ट पर पड़ता है।
हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण होता है हार्ट ब्लॉकेज। हार्ट ब्लॉकेज मतलब हार्ट तक रक्त ले जाने वाली धमनियों का बंद हो जाना। समय रहते हार्ट ब्लॉकेज का पता चल जाए तो स्थिति सुधारी जा सकती है। यहां जानिए हार्ट ब्लॉकेज से जुड़ी कुछ अहम जानकारी।
हार्ट अटैक से पहले शरीर देता है संकेत
हार्ट ठीक से काम कर रहा है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर ईसीजी और इको जैसे टेस्ट की मदद लेते हैं। हालांकि, हार्ट में किसी भी तरह की समस्या लेने पर शरीर भी संकेत देता है।
इन संकेतों पर नजर रखी जाए और पहचान लिया जाए, तो समय रहते इलाज किया जा सकता है। इसके कुछ घरेलू टेस्ट भी हैं। जैसे बीएमआई मापना अथवा, पल्स रेट या हार्ट रेट मापना।
एक सामान्य स्थिति में इंसान की नब्ज एक मिनट के अंदर 60 से 100 बीट्स के बीच होती है।। यदि कम हार्ट रेट के साथ सांस फूलना, सिर घूमना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो इसे खतरे की घंटी समझना चाहिए।
यदि बिना किसी कारण छाती में भारीपन महसूस हो रहा है, थोड़ा भी पैदल चलते समय सांस फूल रही है, सीढ़ियों पर चढ़ने में परेशानी महसूस हो रही है, तो सावधानी बरतते हुए डॉक्टरों को दिखाना चाहिए।
समय-समय पर नापते रहिए कमर
हार्ट की बीमारी का सबसे बड़ा कारण होता है मोटापा। कमर और पेट के आकार से मोटापा झलकता है। इसलिए समय-समय पर कमर का नाम लेते हैं। अपना वजन नापते रहें। बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) से ज्यादा अच्छा है कमर नापना।
एक अनुमान के मुताबिक, पुरुष की कमर का साइज 37 इंच से ज्यादा है तो उसका हार्ट कमजोर हो सकता है। महिलाओं में यह आंकड़ा 31.5 इंच का है। पुरुषों में 40 इंच और महिलाओं में 35 इंच दिल के लिए गंभीर खतरा बता सकते हैं।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा हार्ट ब्लॉक हो रहा है?
यदि बिना किसी कारण के हाथ-पैर ठंडे पड़ते हैं तो यह हार्ट में ब्लॉकेज का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा चक्कर आना, बेहोशी, पसीना आना, हमेशा चिंता में रहना, त्वचा का पीला पड़ना भी ब्लॉकेज का कारण हो सकता है।