डिंडौरी। जिले के करंजिया विकासखंड में हाथियों और बाघ की दहशत से स्थानीय लोग परेशान हैं। जिला प्रशासन ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए, कलेक्टर हर्ष सिंह ने ब्लाक शिक्षाधिकारी और बीआरसी के रिपोर्ट पर एक दर्जन से अधिक प्रभावित गांवों में 25 से 29 नवंबर तक अवकाश घोषित करने की अनुमति दी है।
ग्राम पंचायत पंडरी पानी और ढाढ़पथरा के तहत आने वाले गांवों अम्हादादर, झिरिया बहरा, इमली टोला और चकरार में पिछले एक सप्ताह से हाथियों का उत्पात जारी है। हाथियों के दल ने चकरार के किसानों की खड़ी फसल को नष्ट कर दिया और बाकी फसलों को रौंद डाला।
वहीं, बाघिन की लगातार मौजूदगी से भी ग्रामीणों में भय का माहौल है। लोग सर्दी में भी रात भर जागकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि वे दिन में तो किसी तरह काम चला लेते हैं, लेकिन रात को हाथियों के हमलों का डर उन्हें चैन से सोने नहीं देता। इस डर से लोग कच्चे मकानों को छोड़कर छतों पर तंबू लगाकर रात बिताने पर मजबूर हैं। शुक्रवार रात को पंडरी पानी, कांदाटोला, केंद्रा बहरा और ठाढ़पथरा के लोग हाथियों के हमले की आशंका से छतों पर जागते रहे और कुछ युवाओं ने घरों की निगरानी भी की।
साप्ताहिक बाजारों में मुनादी कराई गई
हाथियों और बाघिन के आतंक के कारण ग्रामीण अब दिन में भी सूनसान इलाकों में जाने से बच रहे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए रविवार को पंडरी पानी के साप्ताहिक बाजार में कोटवार के माध्यम से मुनादी कराई गई ताकि दुकानदार और ग्राहक सतर्क रहें। पंचायत सचिव दिलीप कुमार मरावी ने बताया कि पिछले दो हफ्तों से इसी प्रकार मुनादी कराई जा रही है। रविवार को बाजार सामान्य से पहले सूर्यास्त से पहले बंद हो गया।
बाघिन ने मटके का पानी पिया
हाल ही में बाघिन ने शिकार करने के बाद, शनिवार रात को गौशाला में घुसने का प्रयास किया और मटके में रखे पानी को पीकर अपनी प्यास बुझाई। ग्रामीणों ने बताया कि जब बाघिन ने गौशाला के पास आकर पशुओं पर हमला करने की कोशिश की, तो आवाज सुनकर उन्होंने हल्ला मचाया और टार्च की रोशनी फेंकी, जिससे बाघिन वहां से भाग गई और अरहर के खेत में रात भर डेरा डाले रखा। सुबह होने पर वह जंगल की ओर लौट गई।