भोपाल। निजी कॉलेजों के साथ-साथ प्रदेश के सरकारी नर्सिंग कॉलेज भी मान्यता के मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। मध्य प्रदेश के 24 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में से केवल 15 को मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने मान्यता का नवीनीकरण दिया है, जबकि शेष 9 कॉलेजों की मान्यता को लेकर अब भी असमंजस बना हुआ है।
100 बिस्तर वाले अस्पताल की अनिवार्यता समाप्त
हाई कोर्ट द्वारा नर्सिंग कॉलेज शुरू करने के लिए संचालक संस्था को 100 बिस्तर वाले अस्पताल की अनिवार्यता इस साल के लिए खत्म कर दिए जाने के बाद, नए कॉलेज खोलने के लिए 100 और आवेदन आए हैं। इससे पहले 300 आवेदन आए थे, जिससे कुल 400 आवेदन हो गए। प्रारंभिक जांच में इनमें से लगभग 175 कॉलेज नवीनीकरण के योग्य पाए गए हैं।
हालांकि, अंतिम परीक्षण के बाद ही नवीनीकरण योग्य कॉलेजों की सटीक संख्या सामने आएगी। वहीं, सीबीआई द्वारा उपयुक्त बताए गए कई कॉलेजों के संचालकों ने नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया है।
नए कॉलेज खोलने पर रोक
प्रदेश सरकार ने तय किया है कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 में नए नर्सिंग कॉलेज नहीं खोले जाएंगे। मान्यता का नवीनीकरण सीबीआई और हाई कोर्ट द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा। निजी नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता नवीनीकरण की सूची एक सप्ताह के भीतर जारी होने की संभावना है।
इस सत्र में प्रवेश प्रक्रिया
इस सत्र में जीएनएम (डिप्लोमा) और बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कर्मचारी चयन मंडल ने पहले ही प्रवेश परीक्षा आयोजित की है। प्रवेश इसी परीक्षा के आधार पर होंगे।
हालांकि, कॉलेजों की संख्या में कमी के कारण इस बार नर्सिंग सीटों की संख्या 10,000 से कम रहने की संभावना है। वर्ष 2020-21 तक, जब नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़ा उजागर नहीं हुआ था, प्रदेश में 40,000 से अधिक सीटें होती थीं।