भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले शैक्षणिक सत्र से 5 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे। ये कॉलेज बुदनी, मंडला, श्योपुर, सिंगरौली और राजगढ़ में खोले जाएंगे, जिनमें प्रत्येक कॉलेज में 150 सीटें होंगी। इससे सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 750 सीटों की वृद्धि होगी।
इसके साथ ही, 12 नए निजी मेडिकल कॉलेज भी प्रस्तावित हैं, जिन्हें जिला अस्पतालों से संबद्ध किया जाएगा। इन कॉलेजों से 1200 अतिरिक्त सीटें जुड़ेंगी। इन नए कॉलेजों के शुरू होने से प्रदेश में मेडिकल सीटों की कुल संख्या में 1950 का इजाफा होने की संभावना है।
प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि
प्रदेश में इन कॉलेजों के खुलने से 21 सरकारी और 15 निजी मेडिकल कॉलेज, कुल 36 कॉलेज संचालित होंगे। बाद में, 12 प्राइवेट कॉलेजों के संचालन से यह संख्या बढ़कर 48 मेडिकल कॉलेज हो जाएगी।
पीपीपी मॉडल पर 12 नए निजी कॉलेज
प्रदेश में 12 नए मेडिकल कॉलेज पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर खोले जाएंगे। इसके लिए कटनी, टीकमगढ़, बालाघाट, धार, सीधी, खरगोन, पन्ना, बैतूल, भिंड, नर्मदापुरम्, देवास और मुरैना जिलों को चयनित किया गया है।
पिछले 20 वर्षों में हुई तेज वृद्धि
2003 तक प्रदेश में केवल 5 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन पिछले दो दशकों में इस संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। 12 नए मेडिकल कॉलेजों के शुरू होने से मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी प्रगति होगी।
वर्तमान में संचालित मेडिकल कॉलेज
वर्तमान में प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर, शहडोल, विदिशा, रतलाम, दतिया, खंडवा, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, सतना, सिवनी, मंदसौर और नीमच में सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं।
क्षेत्रीय लाभ
नए कॉलेजों के खुलने से नर्मदापुरम्, देवास सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल शिक्षा की सुविधा में सुधार होगा, जिससे स्थानीय लोगों को काफी लाभ होगा।