भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले धार्मिक स्थलों से तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकरों को हटाने का निर्णय लिया था। इसके बाद प्रदेशभर में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए गए। अब इस निर्णय को एक साल पूरा होने जा रहा है, और राज्य सरकार ने एक रिपोर्ट मांगी है कि इस दौरान कितने धार्मिक स्थलों से ध्वनि विस्तारक यंत्र हटाए गए।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने खुले में मांस विक्रय पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिसके बाद नगरीय निकायों ने मांस विक्रय दुकानों को हटाने की कार्रवाई शुरू की थी। अब एक साल में इस कार्रवाई का कितना प्रभाव पड़ा, इसकी भी रिपोर्ट शासन से मांगी गई है। इसके अलावा, धार्मिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के बारे में दिए गए निर्देशों की स्थिति पर भी रिपोर्ट तलब की गई है।
सार्वजनिक स्थानों और धार्मिक स्थलों पर सीसीटीवी की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश के सार्वजनिक स्थानों और धार्मिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे, और इंदौर से इस योजना की शुरुआत भी हो चुकी है। अब इस व्यवस्था को अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा। सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग को दो महीने तक सुरक्षित रखा जाएगा, और जब भी पुलिस को जांच के लिए इसकी आवश्यकता होगी, तब उसे उपलब्ध कराना होगा। इसके लिए लोक सुरक्षा कानून का प्रारूप तैयार किया गया है, लेकिन विधानसभा के मानसून सत्र में इसे पेश नहीं किया जा सका। अब गृह विभाग ने इसे अध्यादेश के माध्यम से लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है, और प्रारूप को विधि विभाग को परिमार्जन के लिए भेजा गया है।
शिव मंदिरों में चोरी की घटनाएं
सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पर चर्चा के बीच पिपरई से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। शनिवार रात अज्ञात चोरों ने तालाब किनारे स्थित भगवान शिव के मंदिर से त्रिशूल चोरी कर लिया। इसके साथ ही, नगर के चार शिव मंदिरों में पिछले दो महीनों में चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। इन चोरियों में पावर हाउस स्थित शिव मंदिर से कलश और त्रिशूल की चोरी, 14 नवंबर को मुंगावली रोड स्थित शिव मंदिर से तांबे का त्रिशूल और शेषनाग की चोरी, और मंडी रोड स्थित शिव मंदिर से घंटी, रुद्राक्ष की माला और दान पत्र की चोरी शामिल हैं। इस पर हिंदू समाज ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।