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Saturday, December 14, 2024

108 एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म, नया सिलेंडर लाने में लगी सात फोन कॉल्स

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खंडवा। मरीज को इंदौर रेफर करने के खेल और एंबुलेंस ड्राइवर की लापरवाही से एक युवक की ऑक्सीजन के अभाव में मौत हो गई। खंडवा में मेडिकल कॉलेज होने के बाद भी मरीज को उपचार के लिए इंदौर रेफर करने का सिलसिला यहां थम नहीं रहा है।

ऐसे में मरीज को उपचार के अभाव में जान गंवानी पड़ रही है। वहीं मरीजों की सुविधा के लिए शासन द्वारा संचालित 108 एम्बुलेंस की सुविधा भी प्रभावी देखरेख, चालकों की मनमानी के अभाव में दम तोड़ रही है।

सड़क हादसे में घायल मरीज को जिला अस्पताल से इंदौर रेफर करने के दौरान 108 एंबुलेंस के सिलिंडर में ऑक्सीजन खत्म होने से मरीज की मौत हो गई। युवक के स्वजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन के लिए एंबुलेंस चालक दो घंटे तक एंबुलेंस हिला हवाला करता रहा। स्वजनों ने रात में मोघट पुलिस को शिकायती आवेदन दिया है।

सिलेंडर में ऑक्सीजन ही नहीं था
अस्पताल से एंबुलेंस निकलने के बाद पता चला कि सिलेंडर में ऑक्सीजन ही नहीं है। फिर कर्मचारी घायल को एंबुलेंस में लेकर इंदौर रोड स्थित ऑक्सीजन प्लांट पहुंचा। ऑक्सीजन लेने की प्रक्रिया में ही कर्मचारी को दो घंटे लग गए। तब तक घायल युवक के मुंह पर खाली मास्क ही लगा रखा था।

पंधाना पुलिस के अनुसार टाकली कला ग्राम में रहने वाले 28 वर्षीय धर्मेंद्र पुत्र अमरचंद विद्युत कंपनी में लाइन हेल्पर था। गुरुवार रात करीब आठ बजे घर लौटते समय कोहड़द और टकली के बीच अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। दुर्घटना में धर्मेंद्र के सिर में गंभीर चोट आई थी। उपचार के लिए रात को जिला अस्पताल लाया गया। हालत गंभीर होने से रात करीब 10:30 बजे उसे 108 एंबुलेंस क्रमांक सीजी 04 एनजेड 6025 से इंदौर रेफर किया गया।

2 घंटे लग गए सिलेंडर लेने में
युवक के भाई जितेंद्र दिलावरे ने बताया कि एंबुलेंस के सिलेंडर में ऑक्सीजन कम होने से चालक वाहन लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर के गोदाम पर पहुंचा। 2 घंटे तक ऑक्सीजन के लिए माथा पच्ची चलती रही। मरीज के मुंह पर केवल ऑक्सीजन का खाली मास्क लगा रखा था।

आईडी लेने सात अधिकारियों को कॉल किया
एंबुलेंस के ड्राइवर संदीप चौहान व ईएमटी ने बताया कि हम प्लांट पर ऑक्सीजन लेने पहुंचे। हमारे पास रुपए नहीं थे। इसलिए भोपाल में बैठे एचआर विभाग से ऑक्सीजन लेने के लिए आईडी लेनी पड़ती है। आईडी लेने हमने सात अधिकारियों को कॉल किया। इस प्रक्रिया में रात करीब एक बजे सिलिंडर मिला। यहां से एंबुलेंस आगे रवाना होने पर कुछ समय बाद ही युवक धर्मेंद्र की मौत हो गई।

इस मामले में एंबुलेंस एजेंसी के जोनल मैनेजर अविनाश पांडे का कहना है कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन कम होने से व्यवस्था कर रहे थे, मौत मरीज गंभीर होने के कारण हुई है। सिस्टम की लापरवाही और एंबुलेंस चालक की मनमानी से युवक धर्मेंद्र की मौत को लेकर आक्रोशित स्वजनों ने मोघट थाने में शिकायत की है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।

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