ग्वालियर। बेटा, मेरा क्या कसूर था मैं तो बस बूढ़ी हो गई थी, तुम्हें भी ऐसा ही होना है। मानती हूं कि मैं अब चलने-फिरने में असमर्थ हो गई थी, और हां, कभी-कभी गंदगी भी करती थी, लेकिन क्या तुम भूल गए हो कि जब तुम छोटे थे, तब कितनी मुश्किलों का सामना करके तुम्हें बड़ा किया था? तुम भी तो कभी गंदा करते थे, लेकिन मैं हंसते-हंसते उसे साफ करती थी। तुम्हें मेरी असहाय स्थिति पर जरा भी तरस नहीं आया, तुम पत्थर दिल हो गए, और मुझसे ऐसा घिनौना काम किया मेरी जान लेकर ही तुम चैन से जी पाए।
यह कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब शायद 88 वर्षीय कमला कोष्ठा को अपनी मौत के बाद भी नहीं मिल सके। जब तक वे जीवित थीं, उनके दोनों बेटे डालचंद और प्रेमनारायण ने उन्हें अकेला छोड़ दिया। फिर जब उनका गला दबाकर हत्या की गई, तो उनके अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थियां भी लावारिस हो गईं, जैसे जीते-जी किसी ने उनका ध्यान नहीं रखा, मरने के बाद भी उन्हें इस हालत में छोड़ दिया गया।
पोती ने कहा- “अस्थियां विसर्जित करने का समय नहीं मिला”
कमला के दोनों बेटे डालचंद और प्रेमनारायण अब जेल में हैं। डालचंद का बेटा रोहित आगरा में काम करता है, जबकि प्रेमनारायण का बेटा आकाश यहीं रहता है। रोहित से जब पूछा गया कि मां के अंतिम संस्कार के बाद अस्थि विसर्जन हुआ या नहीं, तो उसने कहा, “समय नहीं मिला, जब करना होगा, कर देंगे।”
रोहित ने यह भी कहा कि उसे इस घटना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, क्योंकि जो लोग इस अपराध में शामिल थे, वे जेल में हैं और सजा भुगत रहे हैं। हालांकि, पूरे परिवार में इस घटना को लेकर गहरी परेशानी है।
इंटरनेट मीडिया पर गुस्से की लहर
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। कई शहरवाले ने इस मामले की निंदा की है और आरोपित बेटों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।
मां के हत्यारों को सजा दिलाने की कोशिश
एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया। पुलिस का कहना है कि यह अपराध गंभीर है और सभी साक्ष्य जुटाए जाएंगे ताकि आरोपियों को सजा दिलाई जा सके। तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए विवेचना की जा रही है, ताकि जल्द ही ट्रायल पूरा हो और आरोपियों को सजा मिले।
मोहल्ले वालों का कहना है कि वे अब इन हैवानों से कोई संबंध नहीं रखना चाहते, क्योंकि उन्होंने वृद्धा के साथ जिस तरह का व्यवहार किया, वह सबने देखा।