जबलपुर। लोकायुक्त पुलिस ने धान भंडारण के एक मामले को निपटाने के लिए सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट के ड्राइवर को 1.5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मामले में शिकायतकर्ता किसान संग्राम सिंह ने आरोप लगाया है कि महिला एसडीएम ने अपने ड्राइवर के जरिए 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी और सौदा 2.5 लाख रुपए में तय हुआ था।
रिश्वत केस के बाद जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने मंगलवार को जारी आदेश में शाहपुरा एसडीएम नदीमा शिरी का ट्रांसफर कर दिया। उन्हें जिला कलेक्टर कार्यालय में अटैच किया गया है। एक अन्य आदेश में जिला प्रशासन ने एसडीएम के ड्राइवर सुनील कुमार पटेल को निलंबित कर दिया है। यहां के खामदेही गांव के लोगों ने किसान संग्राम सिंह की एक एकड़ जमीन पर धान का भंडारण कर रखा था।
लोकायुक्त विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के डिप्टी पुलिस सुपरिटेंडेंट दिलीप झरवाड़े ने पीटीआई को बताया कि तहसीलदार ने इस भंडारण के खिलाफ कार्रवाई की, जिसके बाद शाहपुरा के एसडीएम ने किसान को नोटिस जारी किया। अधिकारी ने बताया कि सिंह ने दावा किया कि एसडीएम के ड्राइवर सुनील पटेल ने इस मामले को निपटाने के लिए कथित तौर पर तीन लाख रुपये की मांग की।
झरवाड़े ने बताया कि सिंह की शिकायत के आधार पर जाल बिछाया गया और पटेल को मंगलवार शाम किसान से डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया। सिंह ने पीटीआई को बताया कि एक एकड़ जमीन पर पांच-छह किसानों की बासमती किस्म की करीब 4,000 बोरी धान रखी हुई थी।
उन्होंने बताया कि तहसीलदार रवींद्र पटेल ने कार्रवाई करते हुए भंडारण को अवैध बताते हुए उपज जब्त कर ली। किसान ने आरोप लगाया कि मामला एसडीएम नदीमा शिरी को सौंप दिया गया, जिन्होंने सिंह के खिलाफ नोटिस जारी कर एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दी। अधिकारियों के अनुसार रिश्वत मामले के बाद प्रभारी डिप्टी कलेक्टर कुलदीप पाराशर को शाहपुरा के एसडीएम का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।