श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क से एक चीते के भागने की खबर से हड़कंप मच गया है। यह चीता पार्क से करीब 60 किलोमीटर दूर श्योपुर के पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास के इलाके में घूमता नजर आया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पूरे शहर में दहशत का माहौल है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार
चीते की इस घटना पर कूनो प्रबंधन के अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं, स्थानीय लोग इस घटना को लेकर चिंतित हैं और वन विभाग से जल्द से जल्द स्थिति को संभालने की मांग कर रहे हैं।
वन्यजीवों की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना कूनो नेशनल पार्क की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करती है। हाल के महीनों में पार्क में अन्य चीतों के व्यवहार और प्रबंधन को लेकर भी चर्चा चल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीतों के आवासीय क्षेत्र में सुरक्षा को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि वे सुरक्षित रहें और आसपास के इलाकों में ऐसी घटनाएं न हों।
पार्क की अहमियत और चुनौतियां
कूनो नेशनल पार्क, जिसे चीतों की पुनर्वास परियोजना के लिए चुना गया है, भारत में इस प्रजाति को फिर से स्थापित करने की एक ऐतिहासिक पहल का हिस्सा है। हालाँकि, यह घटना प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की समीक्षा की आवश्यकता पर जोर देती है।
वन विभाग ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें। विशेषज्ञों और ट्रैकिंग टीमों को चीते का पता लगाने और उसे सुरक्षित वापस लाने के लिए तैनात किया गया है।
चीतों के संरक्षण की दिशा में यह घटना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। वन विभाग को इस घटना से सीख लेकर सुरक्षा उपायों को मजबूत करना होगा, ताकि इस परियोजना की सफलता सुनिश्चित हो सके और वन्यजीवों और इंसानों दोनों की सुरक्षा बनी रहे।