इंदौर। यश, वैभव, मान-सम्मान और विलासिता का कारक माने जाने वाले ग्रह शुक्र शनिवार को शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। यह वर्ष के अंत में राशि परिवर्तन करने वाला एकमात्र ग्रह है।
कुंभ राशि में शुक्र का प्रवेश और प्रभाव
शुक्र के शनि की राशि कुंभ में प्रवेश से कई राशियों के जातकों पर असर पड़ेगा। भोपाल के मां चामुंडा दरबार के पुजारी रामजीवन दुबे और पंडित विनोद गौतम ने बताया कि 28 दिसंबर की रात 11:20 बजे शुक्र कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
नवपंचक राजयोग का निर्माण
ज्योतिष में शुक्र को प्रेम, सौंदर्य, सुख, और आनंद का प्रतीक माना गया है। यह ग्रह व्यक्ति के मूल्यों, रिश्तों, और सौंदर्य से जुड़ी प्राथमिकताओं को निर्धारित करता है।
शुक्र और शनि की कुंभ राशि में युति से नवपंचक राजयोग का निर्माण होगा। ज्योतिष के अनुसार, शुक्र और शनि को परममित्र ग्रह माना जाता है। कुंभ राशि में शुक्र की यह स्थिति जातकों के विचारों और जीवनशैली में खुलेपन का संकेत देती है।
कुंभ राशि में शुक्र की विशेषताएं
पंडित जगदीश शर्मा ने बताया कि जिन जातकों की कुंडली में शुक्र कुंभ राशि में स्थित होता है, वे रिश्तों में अपने साथी के व्यक्तित्व और स्वतंत्रता को विशेष महत्व देते हैं।
ऐसे लोग मानसिक उत्तेजना और बौद्धिक मेल-जोल को प्राथमिकता देते हैं। वे उन व्यक्तियों की ओर आकर्षित होते हैं, जिनके पास मौलिक विचार, प्रगतिशील दृष्टिकोण और नवीन सोच होती है।
इस स्थिति में जातक आकर्षण के बजाय विचारों को साझा करने और गहरे बौद्धिक संबंध स्थापित करने को अधिक महत्व देते हैं।