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Saturday, January 4, 2025

इंदौर के टाइल्स व्यापारी ने 8 लोगों को दिया नया जीवन, हाथ विमान से भेजे गए

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इंदौर। मानवता की मिसाल एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां ब्रेन डेड हो चुके एक व्यापारी के परिवार ने उनके अंगदान करवाकर 8 लोगों को नया जीवन दे दिया। इस दौरान व्यापारी की दोनों हाथ, किडनी, आंखें, लिवर और त्वचा दान कर दी गईं। लोगों को नया जीवन देकर गए व्यापारी का नाम सुरेंद्र पोरवाल (जैन) था, जो कि 69 वर्ष के थे और शहर के मनोरमागंज इलाके में रहते थे। हाल ही में एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान वे ब्रेनडेड हो गए थे।

इस बारे में जानकारी देते हुए मंगलवार को अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि यह पहला मौका है जब इंदौर के किसी ब्रेनडेड व्यक्ति के दोनों हाथ किसी अन्य जरूरतमंद को दान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि हाथों को मुंबई में रहने वाले 28 साल के युवक को प्रत्यारोपित किया गया, जिसके हाथ एक हादसे के बाद खराब हो गए थे।

इंदौर के टाइल्स व्यापारी सुरेंद्र पोरवाल (जैन) का शहर के एक निजी अस्पताल में 23 दिसंबर को अपेंडिक्स का ऑपरेशन किया गया था, जिसके बाद मस्तिष्क आघात होने से उन्हें दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि दो साल पहले ब्रेन हेमरेज के कारण पोरवाल की सर्जरी की गई थी।

अधिकारियों ने बताया कि जैन समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पोरवाल के परिजन उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार अंगदान के लिए खुद आगे आए। उन्होंने बताया कि डॉक्टर्स ने कारोबारी पोरवाल के अंग उस समय निकाले जब वह ब्रेन डेड हो चुके थे। मृत शरीर से दोनों हाथ, यकृत (लिवर) और दोनों गुर्दे (किडनी) सोमवार शाम हासिल कर लिए। इसके अलावा आंखों व त्वचा को आईबैंक व स्किन बैंक में रखा गया है।

इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के संस्थापक सचिव डॉ. संजय दीक्षित ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘पोरवाल के मरणोपरांत अंगदान से मिले दोनों हाथों को विशेष उड़ान के जरिये मुंबई भेजा गया। इन हाथों को मुंबई के एक निजी अस्पताल में 28 वर्षीय व्यक्ति के शरीर में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया।’ उन्होंने बताया कि इस व्यक्ति को कुछ साल पहले बिजली का तेज झटका लगा था जिसके बाद उसके दोनों हाथों ने काम करना बंद कर दिया था।

इंदौर में अंगदान को बढ़ावा देने वाले सामाजिक संगठन “मुस्कान” के कार्यकर्ता संदीपन आर्य ने बताया कि पोरवाल के दो गुर्दे स्थानीय अस्पतालों में भर्ती दो मरीजों को प्रत्यारोपित किए गए, जबकि उनके यकृत (लिवर) को विशेष उड़ान से मुंबई भेजा गया और वहां के एक अस्पताल में भर्ती मरीज में इस अंग का प्रत्यारोपण किया गया। उन्होंने बताया कि पोरवाल के परिजनों ने उनकी त्वचा और आंखें भी दान कर दी हैं।

चश्मदीदों ने बताया कि अंगदान के बाद पोरवाल की पार्थिव देह को मंगलवार को स्थानीय अस्पताल में भावभीनी विदाई दी गई। स्ट्रेचर पर रखी उनकी देह को एम्बुलेंस तक पहुंचाने के लिए लाल कालीन बिछाई गई और अस्पताल के डॉक्टर्स और अन्य कर्मचारियों ने लाइन में खड़े होकर उन पर फूल बरसाते हुए उनके प्रति सम्मान जताया।

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