इंदौर। राजेंद्र नगर क्षेत्र में रेत मंडी के आसपास नगर निगम ने एक बड़े अतिक्रमण विरोधी अभियान को अंजाम दिया। इस अभियान के तहत 50 से अधिक दुकानों, ढाबों, अस्थाई शेड्स और पांच मकानों को तोड़ा गया।
यह जमीन इंदौर विकास प्राधिकरण की थी, जिस पर वर्षों से अवैध कब्जे थे। यह मामला कोर्ट में चल रहा था और अदालत ने प्राधिकरण के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद नगर निगम ने जमीन को अतिक्रमण मुक्त कर प्राधिकरण को सौंप दिया।
गुरुवार सुबह छह जेसीबी, डेढ़ सौ से ज्यादा श्रमिकों और दो पोकलेन मशीनों के साथ नगर निगम की रिमूवल टीम ने रेत मंडी पर कार्रवाई शुरू की। अतिक्रमणकारियों ने इस मुहिम का विरोध किया, लेकिन भारी पुलिस बल के कारण कार्रवाई बिना रुकावट जारी रही। अधिकारियों ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं। यह जमीन प्राधिकरण की स्कीम 97 पार्ट-4 का हिस्सा है।
स्कीम लागू होने से पहले यहां कब्जे थे, जिसके कारण प्राधिकरण इस जमीन का उपयोग नहीं कर पा रहा था। इस मामले में कोर्ट में प्राधिकरण का पक्ष मजबूत था, जिसमें बताया गया कि जमीन विधिवत रूप से अधिगृहित की गई है और मालिकों को उचित मुआवजा दिया गया है।
कोर्ट के फैसले के बाद नगर निगम को अतिक्रमण हटाने का आदेश मिला, जिसके तहत गुरुवार को 50 से ज्यादा अतिक्रमणों को तोड़ा गया। कुछ दुकानों में सामान भरा था, जिसे सुरक्षित रूप से हटा लिया गया। अब प्राधिकरण इस अतिक्रमण मुक्त जमीन पर प्लॉट विकसित करेगा और उसे बेचने की योजना है।