इंदौर। मध्य प्रदेश की 10 स्मार्ट सिटी में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। आईआईटी इंदौर की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ग्वालियर, रीवा, भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में पीएम 2.5 का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
प्रमुख शहरों की स्थिति
ग्वालियर साल के 69 दिन पीएम 2.5 का स्तर WHO के मानकों से 9 गुना अधिक।
रीवा 64 दिन,
भोपाल 30 दिन,
इंदौर 20 दिन प्रदूषण खतरनाक स्तर पर।
ग्वालियर सबसे प्रदूषित
ग्वालियर प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर है, जहां पीएम 2.5 का वार्षिक औसत 44.77 µg/m दर्ज किया गया। यह WHO के मानक (5 µg/m³) से 9 गुना अधिक है।
रीवा: 42.59 µg/m³
भोपाल और इंदौर: 24.99 µg/m³
प्रदूषण के गंभीर प्रभाव
यह प्रदूषण अस्थमा, सीओपीडी, ब्रोंकाइटिस, हृदय रोग, समय पूर्व प्रसव, और नवजात मृत्यु दर में वृद्धि का कारण बन सकता है।
रिसर्च के आधार पर कारण
ग्वालियर में प्रदूषण पर कोयला फैक्ट्रियों और दिल्ली के प्रदूषण का सीधा असर।
पीएम 2.5 कण वाहनों के धुएं, फैक्ट्रियों और निर्माण कार्यों से उत्पन्न होते हैं।
1980 से 2023 के बीच सैटेलाइट डेटा और AI मॉडल के माध्यम से अध्ययन में पाया गया कि 20 साल पहले प्रदूषित दिनों की संख्या मात्र 1-2 थी, जो अब तेजी से बढ़ी है।
कम प्रदूषित शहर
रतलाम और छिंदवाड़ा की स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर है। इन क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास अधिक प्रभावी रहे हैं।
निष्कर्ष
आईआईटी इंदौर के प्रो. मनीष गोयल और उनकी टीम का कहना है कि तत्काल कदम उठाए बिना स्थिति और गंभीर हो सकती है।