भोपाल। मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए नरोत्तम मिश्रा की उम्मीदों को अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है, भले ही उन्होंने इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। तंत्र-मंत्र, अनुष्ठान, और भोपाल से दिल्ली तक की दौड़, यहां तक कि बाबा बागेश्वर से भी मिलकर आशीर्वाद लेने के बाद भी नरोत्तम मिश्रा को प्रदेश अध्यक्ष की पर्ची अभी तक नहीं मिल पाई है।
पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का राजनीतिक प्रयास…
प्रदेश के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों में लंबे समय से चर्चा में रहा है। वे अपनी राजनीतिक विरासत बचाने के लिए लगातार दिल्ली में पार्टी के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं और अपने समर्थकों के जरिए यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। इसके लिए नरोत्तम मिश्रा ने हर प्रयास किया है, लेकिन अब तक उनकी उम्मीदें धुंधली होती दिख रही हैं।
नरोत्तम मिश्रा के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे पार्टी के उच्च नेताओं से लगातार संपर्क में हैं और उनकी दावेदारी को मजबूती से पेश कर रहे हैं। हालांकि, दिल्ली के सूत्रों के अनुसार, उनका नाम अब तक अन्य प्रमुख दावेदारों के मुकाबले सामने नहीं आया है।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर प. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात…
प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए नरोत्तम मिश्रा ने तंत्र-मंत्र का भी सहारा लिया है। उन्होंने बाबा बागेश्वर से मुलाकात की और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति की कोशिश की। यह कदम उनके राजनीतिक प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें वे पार्टी के अंदर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बावजूद, पार्टी के अन्य दावेदारों की बढ़ती संख्या और दिल्ली से मिल रही संकेतों के कारण उनका नाम फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में पीछे होता दिख रहा है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए नए नामों की चर्चा
नरोत्तम मिश्रा के बजाय अब प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए कई नए नामों की चर्चा तेज़ हो गई है। इनमें प्रमुख नाम हेमंत खंडेलवाल, अरविंद भदोरिया, लाल सिंह आर्य और सुमेर सिंह सोलंकी के हैं। इन नेताओं का नाम भाजपा की अंदरूनी बैठक और सूत्रों से सामने आया है, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए पार्टी नेतृत्व के द्वारा विचारित किए जा सकते हैं।
हेमंत खंडेलवाल: यह नाम खासतौर पर वित्तीय मामलों और पार्टी के संगठनात्मक ढांचे के लिए जाना जाता है। खंडेलवाल का संगठन में अच्छा नेटवर्क और प्रभाव है और उन्हें मध्यप्रदेश में पार्टी की मजबूती के लिए एक सशक्त नेतृत्व के रूप में देखा जा रहा है।
अरविंद भदोरिया: भदोरिया का नाम भी इस दौड़ में शामिल हो गया है। वे भाजपा के कद्दावर नेता रहे हैं और उनके पास राजनीतिक अनुभव भी है। भदोरिया का नाम विशेष रूप से पार्टी के अंदर की राजनीति और अन्य नेताओं से उनके अच्छे संबंधों के कारण उभर कर सामने आया है।
लाल सिंह आर्य: पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य का नाम भी चर्चा में है, जो पार्टी के अंदर एक सम्मानित और अनुभवी नेता माने जाते हैं। उनके पास अपने इलाके में प्रभाव है और उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में देखा जाता है जो पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं।
सुमेर सिंह सोलंकी: सोलंकी का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के लिए सशक्त दावेदार के रूप में सामने आ रहा है। वे पार्टी के भीतर संगठनात्मक कामों को लेकर सक्रिय रहते हैं और उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अच्छा समर्थन प्राप्त है।
दिल्ली में अंतिम निर्णय का इंतजार…
दिल्ली से मिली खबरों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व अंतिम निर्णय लेने से पहले इन सभी दावेदारों की स्थिति का जायजा ले रहा है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर पार्टी के भीतर अभी भी विचार-विमर्श जारी है। प्रदेश अध्यक्ष का चयन भाजपा के लिए न केवल मध्यप्रदेश की राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों में भी पार्टी की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसलिए, दिल्ली की राजनीति में होने वाले इस अहम फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।