नई दिल्ली। लॉस एंजिल्स और आसपास के जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के प्रयासों के बावजूद स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। आग के कारण अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 12,000 से ज्यादा इमारतें जलकर खाक हो गई हैं। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, इस हादसे में 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
आग पर काबू पाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन आग की तेज रफ्तार और खराब मौसम के कारण राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
आग की लपटों से प्रभावित इलाके
ईटन और पालिसैड्स इलाके में आग सबसे खतरनाक रूप में फैल चुकी है। पालिसैड्स आग ने 22,600 एकड़ भूमि को नष्ट कर दिया है और केवल 11% क्षेत्र पर ही काबू पाया जा सका है। वहीं, ईटन आग ने 14,000 एकड़ भूमि जलाकर राख कर दी है, और इसे भी महज 15% तक कंट्रोल किया जा सका है।
मौसम की चुनौतियां
तेज हवाएं, जो 120 किमी/घंटा की गति से चल रही हैं, आग के फैलाव को और बढ़ा रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, ये हवाएं आग की दिशा को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे फायर ब्रिगेड के प्रयासों में और रुकावट आ रही है।
गवर्नर गेविन न्यूजॉम की पहल
कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजॉम ने आग से निपटने के लिए राज्य की तैयारियों की समीक्षा की है और राहत कार्यों की निगरानी के लिए विशेषज्ञों को बुलाया है। उन्होंने पानी की कमी जैसे मुद्दों पर भी विचार करने की योजना बनाई है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
आग से उत्पन्न होने वाले खतरनाक धुएं ने लॉस एंजिल्स काउंटी में लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। प्रदूषण के कारण लोगों को घरों में रहने और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
पड़ोसी देशों की मदद
कनाडा और मेक्सिको ने भी अमेरिका की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। कनाडा ने पालिसैड्स आग पर काबू पाने के लिए अपनी फायर ब्रिगेड भेजी है, वहीं मेक्सिको ने 14,000 से अधिक फायर ब्रिगेड कर्मियों को भेजने का एलान किया है।
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