उज्जैन। महाकाल महालोक के सामने रोप-वे का बोर्डिंग स्टेशन, महाकाल प्रवचन हाल और मल्टीलेवल पार्किंग बनाने के लिए चिह्नित निजामुद्दीन कॉलोनी का 36 घंटों में पूरा नक्शा ही बदल गया। कल तक जहां तकिया मस्जिद सहित 250 मकान थे, वहां अब सिर्फ ध्वस्त मकानों के मलबे से भरा मैदान है।
सात मकान भी हैं, जो कोर्ट के स्टे के कारण नहीं हटाए गए। बता दें, श्री महाकाल महालोक के विस्तार के लिए प्रशासन ने निजामुद्दीन कालोनी की जमीन दो वर्ष के निरंतर प्रयासों के बाद 11 जनवरी को अधिग्रहित की है।
66 करोड़ रुपये का मुआवजा स्वीकृत
जमीन अधिग्रहण के बदले शासन ने 66 करोड़ रुपये का मुआवजा स्वीकृत किया है, जिसमें से 156 प्रभावित परिवारों के बैंक खाते में 32 करोड़ रुपये जमा भी कराए चुके हैं। सभी प्रभावित परिवारों ने फिलहाल किराये के भवन या स्वजन के आवास में आश्रय लिया है।
प्रवचन हाल, रोप-वे, बोर्डिंग स्टेशन का होगा निर्माण
कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा है कि अधिग्रहित 2.135 हेक्टेयर भूमि पर महाकाल प्रवचन हाल, रोप-वे का तीसरा बोर्डिंग स्टेशन और मल्टीलेवल कार पार्किंग बनाना प्रस्तावित है। जमीन खाली होने से योजना पर तेजी से अमल होगा। योजना स्थल से सारा मलबा शीघ्र ही हटवा लिया जाएगा।
इधर, प्रशासन की जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई देख रहे लोगों ने नईदुनिया से कहा कि जिस तेजी से मकान हटाए हैं, उस तेजी से निर्माण कार्य भी हो तो अच्छा।
कई काम पड़े थे अधूरे
अमृत मिशन, आवास मिशन, जल जीवन सहित सारे मिशन के काम समय बीतने के वर्षों बाद भी पूरे नहीं हो सके हैं। महाकाल परियोजना का काम भी समय से पिछड़ा है। दो साल में पूर्ण होने वाला सीवरेज प्रोजेक्ट समय सीमा गुजरने के पांच साल बाद भी अधूरा है।