जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की बेंच ने बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व वरिष्ठ शाखा प्रबंधक नर्मदा प्रसाद चौधरी को आठ साल की सैलरी और लाभों का ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश दिए। नर्मदा प्रसाद चौधरी, जो छिंदवाड़ा शाखा से रिटायर्ड हुए थे, ने अदालत में अपना पक्ष रखा।
चौधरी ने आरोप लगाया कि उनकी 39 साल की सेवा को 31 साल के रूप में गिनने की गलती की गई, जिसके कारण उनकी पेंशन अपेक्षाकृत कम निर्धारित हुई। इससे पहले, न्यायाधीश संजय द्विवेदी की सिंगल बेंच ने सेवानिवृत्तकर्मी के हक में आदेश पारित किया था।
मनरेगा लोकपाल शिकायत पर जांच का आदेश
उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर मनरेगा लोकपाल को निर्देश दिए हैं कि वह ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव और ग्राम रोजगार सहायक के खिलाफ शिकायत की जांच कर कार्रवाई करें। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने चार हफ्ते का समय दिया है।
यह याचिका रीवा निवासी समय लाल सेन द्वारा दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ग्राम पंचायत बड़ी हरदी कला के सरपंच, सचिव और ग्राम रोजगार सहायक ने सरकारी धन का गलत इस्तेमाल किया और इसे निजी कामों में खर्च किया।
भोपाल कांग्रेस विधायक मसूद का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने चुनाव याचिका से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट ने उन्हें गवाहों की लिस्ट पेश करने के लिए अंतिम समय सीमा दी थी। अब, हाईकोर्ट ने चुनाव याचिका की सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक टाल दिया है। बीजेपी नेता ध्रुव नारायण ने मसूद के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि आरिफ मसूद और उनकी पत्नी के नाम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, अशोक नगर शाखा से लोन लिया गया था, जिसे उन्होंने अपने नामांकन पत्र में नहीं बताया।
इंदौर खंडपीठ का बड़ा फैसला: वसीयत पर भरोसा कर सकते हैं नामांतरण के लिए
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने नामांतरण और पुरानी संपत्तियों के संबंध में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि नगर पालिका रिकॉर्ड में नाम बदलने के लिए वसीयत को प्रमाणिक दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जा सकता है।