ग्वालियर-चित्रकूट पर्यटन विकास के लिए कंपनियों देंगीं सुझाव

ग्वालियर। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन 2.0 योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करा ली है। इसके अंतर्गत चित्रकूट में धार्मिक तो ग्वालियर में हेरिटेज पर्यटन को बढ़ावा देना है।

इसको अमलीजामा पहनाने के लिए गत अक्टूबर 2024 में एक बार टेंडर प्रक्रिया भी की गई थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। ऐसे में अब पर्यटन बोर्ड ने दोनों स्थानों पर पर्यटन क्षेत्र विकसित करने के लिए कंपनियों से सुझाव मांगे हैं।

एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट
इसमें डीपीआर के कुछ मानकों को ध्यान में रखते हुए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) जारी किया गया है। इसके तहत कंपनियों से पूछा गया है कि यदि उन्हें काम मिलता है, तो वे किस तरीके से पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने और पर्यटकों को आकर्षित करने का कार्य करेंगी।

ऐसे कौन से आकर्षण कंपनियों द्वारा जोड़े जाएंगे, जिससे पर्यटक बरबस ही इन दोनों शहरों में घूमने के लिए आएं। बता दें कि योजना के अंतर्गत केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा ग्वालियर और चित्रकूट का चयन किया गया था।

70 करोड़ रुपये से कार्य होने हैं
मार्च 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल इन दोनों योजनाओं का भूमिपूजन किया था। ग्वालियर में इस योजना के अंतर्गत 70 करोड़ रुपये के अधोसंरचना व सुंदरीकरण के कार्य होने हैं।

इसके तहत मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड द्वारा फूलबाग क्षेत्र में 15.92 करोड़ रुपये की लागत से अधोसंरचना विकास कार्य कर पर्यटन क्षेत्र विकसित किया जाना है। इसी प्रकार चित्रकूट में 25.90 करोड़ रुपये की लागत से घाट पर आध्यात्मिकता का अनुभव परियोजना के अंतर्गत काम प्रस्तावित है।

पार्किंग, फूड कोर्ट सहित ये सुविधाएं
पर्यटकों के अनुभव के लिए चित्रकूट घाट विकास, पार्किंग, पैदल मार्ग, पर्यटक सूचना केंद्र, पर्यटक आवास, रेस्त्रां और फूड कोर्ट, शौचालय, व्याख्या केंद्र आदि प्रमुख घटक शामिल होंगे। ग्वालियर में फूलबाग क्षेत्र में हेरिटेज थीम के अंतर्गत पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा। यहां अभी पर्यटक आते तो हैं, लेकिन वे कुछ समय ठहरकर ओरछा व खजुराहो के लिए निकल जाते हैं।

हेरिटेज सर्किट विकसित किया जाएगा
ऐसे में यहां उनके ठहरने की अवधि में वृद्धि कराने के साथ ही फूलबाग क्षेत्र में ई-विंटेज वाहन की सवारी, हैंड्स आन वर्कशाप, प्रोजेक्शन मैपिंग शो के साथ ही पूरा हेरिटेज सर्किट विकसित किया जाएगा। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे इस योजना के अंतर्गत शहर की विशेषताओं को उभारने के प्रयास किए जाएंगे।

चित्रकूट का संबंध श्रीराम से है, ऐसे में वहां आध्यात्म पर फोकस किया जाएगा। वहीं ग्वालियर अपने हेरिटेज के लिए जाना जाता है। यहां विरासत के क्षेत्र में काम किए जाएंगे। इसमें रोजगार बढ़ाने के भी प्रयास किए जाएंगे।

प्रवेश शुल्क लिया जाएगा
इन दोनों ही शहरों में इसके लिए चयनित स्थलों पर सोवेनियर शॉप और शिल्प हाट के माध्यम से स्थानीय हस्तशिल्प कला को भी बढ़ावा दिया जाएगा। पर्यटकों से भी होगी आमदनी इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत राशि खर्च करने के बाद आमदनी का स्कोप भी देखा गया है। यहां प्रवेश शुल्क लिया जाएगा। सोवेनियर शॉप किराए पर दी जाएंगी।

10 फूड ट्रक भी खड़े कराए जाएंगे
इसके अलावा 10 फूड ट्रक भी सड़क किनारे खड़े कराए जाएंगे। ये नो व्हीकल जोन होगा, ऐसे में वाहनों के लिए अलग से पेड पार्किंग होगी। अंदर घूमने के लिए ई-विंटेज कारें सशुल्क मौजूद रहेंगी। इसके अलावा प्रोजेक्शन मैपिंग शो हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में चलाए जाएंगे, जिसमें टिकट लिया जाएगा।

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