भोपाल। एक फरवरी को प्रस्तुत होने वाला आम बजट मध्य प्रदेश के बजट का आधार बनेगा। प्रदेश को विभिन्न योजनाओं के तहत करीब 50 हजार करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। केंद्रीय करों में हिस्से और अन्य मदों से मिलने वाली राशि को जोड़कर राज्य अपने बजट का आकार निर्धारित करता है।
इस बार यह बजट चार लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे बजट भाषण सुनें और राज्य के लिए उपलब्ध अवसरों की रिपोर्ट तैयार करें। 15 फरवरी से पहले, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करके बजट के आकार को अंतिम रूप देंगे।
वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 2024-25 के लिए केंद्र सरकार से विभिन्न योजनाओं और केंद्रीय करों के हिस्से के तहत लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था। वहीं, वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले राज्य को करीब इतनी राशि मिल सकती है, जबकि आगामी वित्तीय वर्ष में यह राशि डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। बजट के प्रविधानों के आधार पर विभागों के लिए बजट प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।
सभी विभागों के अधिकारी बजट भाषण सुनने के साथ-साथ विभिन्न प्रपत्रों का अध्ययन करके रिपोर्ट तैयार करेंगे, ताकि वित्त विभाग यह अनुमान लगा सके कि किस योजना या मद से प्रदेश को कितनी राशि मिल सकती है।
इस बजट में गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों के लिए विशेष प्रविधान किए जाएंगे। इसके अलावा, अधोसंरचना विकास के कार्यों में तेजी लाने के लिए पूंजीगत व्यय भी बढ़ाया जाएगा। राज्य सरकार इन चार वर्गों से संबंधित मिशनों को लागू करने की योजना बना रही है।