भोपाल। डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए केंद्रीय बजट में अगले पांच वर्ष में 75 हजार सीटें बढ़ाने की बात कही गई है, जिनमें 10 हजार सीटें 2025-26 के सत्र में बढ़ेंगी। इन सीटों में मध्य प्रदेश की भी बड़ी भागीदारी रहेगी। प्रदेश में हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है।
अगले तीन वर्ष में 12 कॉलेज प्रारंभ होंगे, जिनमें राजगढ़, बुधनी, दमोह, सिंगरौली और श्योपुर अगले सत्र (2025-26) से ही प्रारंभ करने की पूरी तैयारी है। प्रत्येक कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीटें होंगी।
12 कॉलेज में दो हजार से अधिक सीटें
सत्र 2026-27 में मंडला, धार और छतरपुर और उसके बाद उज्जैन, छतरपुर, सीधी टीकमगढ़ जिले में कॉलेज खुलेंगे। इस तरह 12 कॉलेज में दो हजार से अधिक सीटें रहेंगी। इनके अतिरिक्त 14 जिलों में सार्वजनिक, निजी भागीदारी (पीपीपी) से मेडिकल कॉलेज शुरू करने का प्रयास चल रहा है।
अस्पतालों में इसी वर्ष प्रारंभ हो सकते हैं डे-केयर
बजट में अगले तीन वर्ष में देश के सभी जिलों में डे-केयर सेंटर प्रारंभ करने की घोषणा की गई है। इनमें 200 में वित्तीय वर्ष 2025-26 में ही डे-केयर सेंटर खोले जाएंगे। इसका बड़ा लाभ कैंसर रोगियों को होगा। प्रदेश के संभागीय मुख्यालय वाले सभी जिला अस्पतालों को पहले चरण में शामिल किया जा सकता है।
डे-केयर में कैंसर रोगियों की कीमोथेरेपी, ब्लड चढ़ाने की सुविधा रहेगी। उन्हें दिन-दिन के लिए भर्ती कर उपचार किया जाएगा। अभी प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ एम्स में ऐसी सुविधा है।
36 दवाओं को सीमा शुल्क से छूट
इसी तरह से कैंसर की 36 दवाओं को सीमा शुल्क से छूट देने और 37 दवाओं को रोगी सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत लाने से प्रदेश के कैंसर रोगियों को भी लाभ मिलेगा।
इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के अंतर्गत प्रदेश में प्रतिवर्ष 40 हजार से अधिक लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।