भोपाल। मध्य प्रदेश के शहरों में सड़क यातायात के सुधार के लिए इंदौर, भोपाल, देवास, ग्वालियर, जबलपुर और सतना में एलिवेटेड कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। इनमें से इंदौर एलिवेटेड कॉरिडोर पर 350 करोड़, ग्वालियर में 1100 करोड़, जबलपुर में 660 करोड़ और भोपाल में 306 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने 724 किमी लंबी 24 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया है, जिनकी कुल लागत 10 हजार करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में फ्यूचर रेडी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है, जिससे यहां अधिक से अधिक निवेश आए, उद्योग धंधे स्थापित हों और बड़ी संख्या में रोजगार सृजित हो सके।
केंद्र सरकार से मिले हैं 3,500 करोड़ रुपये
प्रदेश में मजबूत राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का निर्माण और उन्नयन केंद्र सरकार से मिले 3,500 करोड़ रुपये से किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर केंद्र और राज्य सरकार आपसी समन्वय के साथ काम कर रही हैं।
मध्य प्रदेश में विकास को पंख देने वाली इस प्लानिंग में विशेष रूप से उज्जैन-जावरा फोर-लेन ग्रीनफील्ड हाइवे परियोजना को पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ मंजूरी दी गई है।
यह हाईवे उज्जैन, इंदौर और आसपास के क्षेत्रों को मुंबई-दिल्ली इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जोड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 133 रेलवे ओवरब्रिज और अंडरपास का निर्माण किया गया है।
भोपाल में 100 करोड़ रुपये की लागत से एक नया कोच काम्प्लेक्स बन रहा है, जो राज्य की रेलवे सुविधाओं को और बेहतर बनाएगा और यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करेगा।
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