भोपाल। मध्यप्रदेश के किसान एक बार सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। दरअसल एमपी के अलग-अलग किसान संगठनों ने खाद्य पदार्थों में मिलावट समेत कई मुद्दों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। ये नाराजगी सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ है।
इनका कहना है कि अफसर किसानों की योजनाएं सही ढंग से लागू नहीं कर रहे हैं। हाल ही में भारतीय किसान संघ ने मंत्रालय तक रैली निकाली थी। जिसके बाद वित्त मंत्री और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा खुद किसानों के बीच पहुंचे थे। अब किसान संघ ने 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। अगर किसानों की मांगें पूरी ना हुईं तो, फिर से आंदोलन होगा।
जिला स्तर पर प्रशासनिक भ्रष्टाचार
भारतीय किसान संघ के मध्यप्रदेश प्रांत प्रचार प्रमुख राहुल धूत ने कहा कि जिला स्तर पर प्रशासनिक भ्रष्टाचार बढ़ गया है, जिससे किसान परेशान हैं। फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन और ऑनलाइन रिकॉर्ड में हर जिले में समस्याएं होती हैं। नीचे का अमला किसानों के ये काम सीधे तौर से करना ही नहीं चाह रहा है। इसके अलावा उन्होंने मिलावट का मुद्दा उठाया है।