जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2020 मामले में राज्य सरकार से पूछा कि जब कानून पर कोई रोक नहीं है तो ओबीसी के होल्ड किए गए पदों को अनहोल्ड क्यों नहीं किया जा रहा है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने राज्य सरकार, स्कूल शिक्षा विभाग और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई
जबलपुर के रंजीत पटेल, कटनी की बनमाला रजक, नीतू पटेल, बुरहानपुर की योगिनी परिवाले, धार की निर्मला पाटीदार, खंडवा की हिमानी राजपाली और अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, पुष्पेंद्र कुमार शाह और रूप सिंह मरावी ने पक्ष रखा।
ओबीसी के पद होल्ड करना अनुचित
याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में कहा कि जिस याचिका के आधार पर राज्य सरकार ओबीसी के होल्ड किए गए पदों पर नियुक्तियां नहीं कर रही है, वह याचिका अब निरस्त हो चुकी है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि जब कोई स्थगन आदेश नहीं दिया गया है, तो पदों को होल्ड करना अनुचित है।
महाधिवक्ता का बयान
महाधिवक्ता कार्यालय ने कोर्ट को बताया कि 4 मई 2020 को पारित अंतरिम आदेश के कारण नियुक्तियां नहीं दी जा सकती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर हो चुकी है।
सरकार की आदेश की अवहेलना
याचिकाकर्ताओं ने यह दलील दी कि सरकार पूर्व के आदेश की अवहेलना कर रही है, क्योंकि वर्तमान में हो रही भर्तियों में ओबीसी के 13 प्रतिशत आरक्षण को छोड़कर 60 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर होने के कारण पूर्व में पारित अंतरिम आदेश अब निष्प्रभावी हो चुका है।