भोपाल। सरकार ने डॉक्टरों की नाराजगी को गंभीरता से लेते हुए उनकी मांगों को मान लिया है। डॉक्टरों की सातवें वेतनमान से संबंधित मांग को स्वीकार करते हुए सरकार ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। इस पूरे प्रक्रिया में उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल की विशेष भूमिका रही। इस फैसले से प्रदेश के पुराने 6 मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत लगभग दो हजार चिकित्सकों को लाभ मिलेगा।
किन कॉलेजों को मिलेगा लाभ
राज्य के गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के साथ-साथ इंदौर, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर और सागर जैसे मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत चिकित्सकों को सातवें वेतनमान का लाभ वर्ष 2016 से दिया जाएगा। हालांकि, जो मेडिकल कॉलेज 2016 के बाद संचालित हुए हैं। वहां नई नियुक्तियां हुई हैं। इन कॉलेजों के चिकित्सकों को यह लाभ नहीं मिलेगा।
डॉक्टरों की हड़ताल
डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने गंभीर चिंता जताई थी। उनके निर्देश पर विभाग की आपात बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक के बाद एक कमेटी का गठन किया गया, जिसमें प्रमुख सचिव, कमिश्नर हेल्थ और चिकित्सा महासंघों के पदाधिकारियों को शामिल किया गया।
डॉक्टरों की मांगों को लेकर आदेश जारी करने के लिए मंगलवार रात को उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई, जिसमें चिकित्सा महासंघ के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया।
काली पट्टी बांधकर दवाइयों की होली जलाई
20-21 फरवरी को हुए आंदोलन के दौरान डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर अमानक दवाइयों की होली जलाई थी। इसके बाद सरकार ने समस्या के समाधान के लिए तत्परता दिखाई और मांगों को मानने की सहमति दी। अब 7 मार्च को हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित हाई पॉवर कमेटी में डीएसीपी लागू करने और अन्य लंबित मांगों के समाधान की उम्मीद चिकित्सा महासंघ ने जताई है।
चिकित्सा महासंघ की प्रतिक्रिया
चिकित्सा महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने कहा कि यह डॉक्टरों की एकजुटता का नतीजा है। उन्होंने कहा कि आगे भी हक के लिए संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि 20-21 फरवरी के आंदोलन के बाद उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया, जिसमें प्रमुख सचिव संदीप यादव, कमिश्नर हेल्थ एंड मेडिकल एजुकेशन तरुण राठी और संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने देर रात तक बैठक की।
सरकार के प्रयासों की सराहना
डॉ. मालवीय ने कहा कि समिति द्वारा दी गई समय सीमा के भीतर चिकित्सा शिक्षकों के लिए सातवें वेतनमान 2016 और नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस के फिक्सेशन को लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह आदेश सभी चिकित्सकों के लिए एक बड़ी राहत है।