इंदौर। हाई कोर्ट के आदेश के बाद, नगर निगम ने शुक्रवार रात करीब बीआरटीएस को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्य जीपीओ चौराहे से शिवाजी वाटिका के बीच किया जा रहा है। जैसे ही यातायात कम हुआ, निगम की टीम गैस कटर की मदद से बीआरटीएस की रेलिंग काटने लगी और साथ ही मशीन से बीआरटीएस के बीम को उखाड़ने का काम भी शुरू किया।
इससे पहले, सिटी बस ऑफिस में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें बीआरटीएस को तोड़ने के बारे में चर्चा हुई। महापौर पुष्यमित्र भार्गव, निगमायुक्त शिवम वर्मा और अन्य अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए।
रेलिंग हटाने का काम पहले होगा जहां ज्यादा चौड़ाई हो
यह निर्णय लिया गया कि बीआरटीएस को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। पहले उन जगहों पर रेलिंग हटाई जाएगी, जहां जाम की समस्या होती है या जहां बीआरटीएस का हिस्सा बहुत चौड़ा है।
राजीव गांधी चौराहे से देवास नाका तक फैले 11.45 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर को पूरी तरह से हटाने में कम से कम चार से पांच महीने का समय लगेगा। अधिकारियों के अनुसार, जहां बीआरटीएस का हिस्सा तोड़ा जाएगा, वहां आई-बसें मिक्स लेन में चलेंगी।
सर्वे के बाद निविदा जारी की जाएगी
महापौर भार्गव ने बताया कि चिह्नित स्थानों से रेलिंग हटाने के बाद बीआरटीएस कॉरिडोर का सर्वे करवाया जाएगा। इसके बाद इसे तोड़ने के लिए निविदाएं जारी की जाएंगी, और सबसे अधिक बोली लगाने वाले ठेकेदार को बीआरटीएस कॉरिडोर तोड़ने का काम सौंपा जाएगा।
लोक परिवहन में कोई बदलाव नहीं होगा
बीआरटीएस को तोड़े जाने के बावजूद लोक परिवहन सेवाओं में कोई बदलाव नहीं होगा। बसें वैसे ही चलती रहेंगी, हालांकि अब आई बसों को मिक्स लेन में चलाया जाएगा।
नए बस स्टॉप बनाए जाएंगे
अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (AICTSL) के सीईओ दिव्यांक सिंह ने बताया कि बीआरटीएस को अलग-अलग हिस्सों में हटाया जाएगा, और शुरुआत रेलिंग हटाने से की गई है।
जहां पुराने बस स्टॉप हटाए जाएंगे, वहां अस्थायी व्यवस्था की जाएगी ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो। बस स्टॉप हटाने में समय लगेगा, क्योंकि यहां लगे कंप्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और अन्य सामग्री को भी हटाना होगा।
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