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Thursday, March 6, 2025

होली जलने के बाद रात में न भूलें राख से जुड़ा यह उपाय, मिलेंगे कई फायदे

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भोपाल। होलिका दहन को अब कुछ ही दिन बाकी हैं। हमारे हिंदू धर्म में हर त्योहार से जुड़ी कुछ खास परंपराएँ और उपाय बताए गए हैं, जो जीवन के कष्टों को दूर करने में मददगार हो सकते हैं। होलिका दहन के दिन भी कुछ खास उपाय किए जाते हैं, जो हिंदू मान्यताओं के अनुसार बेहद लाभकारी माने जाते हैं।

होलिका दहन की राख के उपाय

पुराने समय में होलिका दहन की राख से ही होली खेलने की परंपरा थी। विशेष रूप से बुंदेलखंड के गांवों में होलिका दहन की राख को धुरैड़ी के दिन एक-दूसरे के माथे पर लगाकर होली की शुभकामनाएं दी जाती हैं। यह मान्यता है कि होलिका दहन की राख में सभी बुराइयां जलकर समाप्त हो जाती हैं और यह शुभ परिणाम देने वाली बन जाती है। इसी कारण से होलिका दहन की राख से उपाय करने से जीवन की समस्याएं हल होती हैं और व्यक्ति स्वास्थ्य और समृद्धि की ओर अग्रसर होता है।

होलिका दहन पर किए जाने वाले उपाय

ज्योतिषाचार्य पं. रामगोविंद शास्त्री के अनुसार, बुंदेलखंड में होलिका दहन की कई महत्वपूर्ण परंपराएं हैं। होलिका दहन के दिन पूजा के बाद अग्नि में गेहूं की बालियां डाली जाती हैं, जो बाद में भूनकर घर में रख ली जाती हैं। यह मान्यता है कि इस उपाय से धन और समृद्धि की वृद्धि होती रहती है, और गेहूं की पहली फसल मां अन्नपूर्णा को अर्पित की जाती है।

होलिका दहन पर बिना बोले किए जाने वाले उपाय

होलिका दहन के बाद जब उसकी अग्नि शांत हो जाती है, तो अगले दिन, यानी धुरैड़ी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर, बिना किसी से कुछ कहे, होलिका दहन स्थल पर जाकर राख उठाकर एक लाल कपड़े में बांधकर घर की तिजोरी में रख लें। यह उपाय जीवन में सुख और समृद्धि को बढ़ावा देता है।

बिना बोले उपाय क्यों करें?

धार्मिक उपायों और टोटकों में मौन रहकर किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, जब कोई उपाय मौन रहकर किया जाता है, तभी उसका पूर्ण फल प्राप्त होता है। इसलिए होलिका दहन के उपाय को भी बिना बोले, शांत होकर करना चाहिए।

घर के चूल्हे में होलिका दहन की अग्नि का असर

बुंदेलखंड में होलिका दहन के बाद उसकी अग्नि को घर में लाने की परंपरा है। इसे घर के चूल्हे में दबाकर रखा जाता है, ताकि पूरे साल घर का चूल्हा जलता रहे। इसके बाद अगले दिन नए कंडे और लकड़ी को चूल्हे में रखा जाता है। इस परंपरा के अनुसार, यदि चूल्हे की अग्नि शांत हो जाए तो यह अशुभ माना जाता है और इसके द्वारा घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रुक जाता है।

इन उपायों के माध्यम से आप होलिका दहन के समय किए जाने वाले परंपराओं का पालन कर सकते हैं, जो आपके जीवन में समृद्धि और शांति ला सकते हैं।

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