भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत व्यावसायिक शिक्षा को अनिवार्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। नए शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के 700 हायर सेकंडरी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत की जाएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें नए शैक्षिक सत्र से 700 सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को शामिल करने की योजना है। ये पाठ्यक्रम 21वीं सदी के कौशल विकास पर आधारित होंगे।
प्रचार-प्रसार के निर्देश जारी
वर्तमान में 2,383 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन नए स्कूलों को मिलाकर, प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा देने वाले स्कूलों की संख्या तीन हजार से अधिक हो जाएगी। इन पाठ्यक्रमों में कृषि, डेयरी विकास, कंस्ट्रक्शन ट्रेड, फैशन डिजाइनिंग, हाउसकीपिंग, ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट जैसे विषय शामिल हैं।
लोक शिक्षण संचालनालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों को व्यावसायिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए निर्देश जारी किए हैं।
नौवीं और 12वीं में पाठ्यक्रम
वर्तमान में, नौवीं और दसवीं में डाटा एंट्री ऑपरेटर, जूनियर फील्ड टेक्नीशियन, असिस्टेंट ब्यूटी थेरेपिस्ट, रिटेल स्टोर ऑपरेशन असिस्टेंट, प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड, फूड एंड बेवरेज सर्विस असिस्टेंट, माइक्रो फाइनेंस एग्जीक्यूटिव, असिस्टेंट प्लंबर, सिलाई मशीन ऑपरेटर, फोर व्हीलर सर्विस असिस्टेंट, इलेक्ट्रॉनिक सर्विस असिस्टेंट, और फिजिकल एजुकेशन जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। वहीं, 11वीं और 12वीं में जूनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर, सोलर पैनल टेक्नीशियन, ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन, सीसीटीवी ऑपरेटर, फ्लोरीकल्चर, और सेल्फ-एम्प्लॉयड टेलर जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं।
शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण
वर्तमान में प्रदेश के 2,383 स्कूलों में चार लाख से अधिक विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है। इसके लिए 4,700 से अधिक शिक्षकों को विभिन्न विषयों में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है।
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