जबलपुर। मैहर स्टेशन पर बनारस-रामेश्वरम एक्सप्रेस को दिए गए सिग्नल पर चित्रकूट एक्सप्रेस के आगे बढ़ जाने के बाद छह रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा खतरे में डालने के आरोप में ट्रेन के चालक, गार्ड, सहायक स्टेशन प्रबंधक सहित छह कर्मियों को निलंबित कर दिया है।
यह घटना रविवार और सोमवार की मध्यरात्रि करीब ढाई बजे की है। लखनऊ-जबलपुर (15205) चित्रकूट एक्सप्रेस मैहर स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या-3 पर खड़ी थी। इसी समय मैहर में बनारस-रामेश्वरम एक्सप्रेस को मेन लाइन से निकालने के लिए हरा सिग्नल दिया गया, लेकिन चित्रकूट एक्सप्रेस के चालक ने उसी सिग्नल को अपनी ट्रेन का सिग्नल समझ लिया और ट्रेन को आगे बढ़ा दिया।
ट्रेन डेड एंड की ओर बढ़ी
घटना का पता चलते ही कंट्रोल रूम सक्रिय हो गया। ट्रेन को रोकने का निर्देश मिलने से पहले ही ट्रेन डेड एंड पर पहुंच गई। रेल प्रशासन ने इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
बड़ी दुर्घटना से बचाव
आधुनिक निगरानी प्रणाली की वजह से जैसे ही ट्रेन बिना सिग्नल के आगे बढ़ी, स्टेशन प्रबंधक और जबलपुर कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी हो गई। तुरंत सतर्कता संदेश जारी किया गया। सूत्रों के अनुसार, तब तक चित्रकूट एक्सप्रेस डेड एंड तक पहुंच चुकी थी। इस दौरान ट्रेन के इंजन का एक पहिया पटरी से उतर गया, लेकिन जैसे ही चालक को संदेश मिला, उसने गाड़ी को रिवर्स किया और पहिया फिर से पटरी पर आ गया। इस घटनाक्रम के कारण एक बड़ी दुर्घटना टल गई। बाद में ट्रेन को वापस लाकर दूसरे चालक और गार्ड के साथ भेजा गया।
निलंबित कर्मचारी
रेलवे ने पहले कदम पर ट्रेन के चालक बालाजी गुप्ता, सहायक चालक सूर्यकांत द्विवेदी, ट्रेन प्रबंधक कृष्ण कुमार गौतम, सहायक स्टेशन प्रबंधक नवीन सिंह, लोको इंस्पेक्टर अशोक कुमार और बीके मिश्रा को निलंबित कर दिया है। मुख्य लोको निरीक्षक यूके पटेल मामले की जांच कर रहे हैं।
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