रीवा। मध्य प्रदेश के मऊगंज में शनिवार रात बड़ा विवाद हुआ, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। गांव के दो पक्षों में विवाद के बाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के एक युवक पर हमला कर उसकी हत्या कर दी। पुलिस जब सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची, तो आरोपियों ने पुलिस टीम पर भी हमला कर दिया, जिसमें एक एएसआई की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और कलेक्टर, एसपी समेत डीआईजी साकेत पांडे भी मौके पर पहुंचे हैं।
यह विवाद पुराने मतभेदों का हिस्सा था। डीआईजी साकेत पांडे के मुताबिक, मऊगंज जिले के गड़रा गांव में शनिवार को ब्राह्मण परिवार पर आदिवासी गुट के कुछ लोगों ने हमला किया था। सनी द्विवेदी ने पुलिस को सूचना दी कि उनके परिवार पर हमला हो गया है, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही सनी द्विवेदी की हत्या कर दी गई। पुलिस जब वहां पहुंची, तो आदिवासी गुट ने पुलिस पर पथराव कर हमला किया। इस हमले में एएसआई रामचरण गौतम गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। इसके अलावा, थाना प्रभारी संदीप भारती, तहसीलदार पानिका, एएसआई जवाहर सिंह यादव और बृहस्पति पटेल भी घायल हुए हैं।
गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, और एसडीओपी अंकिता सुल्या को भी गांव में घेर लिया गया और बंधक बना लिया गया। बाद में पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण किया। एसपी रसना ठाकुर और कलेक्टर अजय श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंचे, और गांव में धारा 163 लागू कर शांति की अपील की गई।
इस विवाद की जड़ कुछ दिन पहले ब्राह्मण परिवार और कौल परिवार के बीच हुए एक विवाद में थी, जिसमें एक आदिवासी व्यक्ति की मौत हो गई थी। कौल समाज के लोग सनी द्विवेदी को दोषी मान रहे थे, हालांकि पुलिस ने उन्हें क्लीन चिट दी थी। शनिवार को कौल समाज के लोग सनी के घर हमला करने पहुंचे थे, और जब तक पुलिस पहुंची, सनी की हत्या हो चुकी थी। इसके बाद गुस्साए कौल समाज के लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया।
घटना के बाद, पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर हैं, और गांव में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
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