MP हाईकोर्ट ने UPSC में EWS आरक्षण पर सुनाया ऐतिहासिक फैसला

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के उम्मीदवारों को UPSC परीक्षा में आयु सीमा में छूट देने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने 17 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि EWS वर्ग के लिए SC, ST और OBC की तरह कोई विशेष प्रावधान नहीं है।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पहले UPSC 2025 परीक्षा में EWS उम्मीदवारों को अन्य आरक्षित वर्गों की तरह 5 साल की आयु सीमा छूट और 9 प्रयासों की अनुमति दी थी, लेकिन अब इससे संबंधित सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है।

आयु सीमा में छूट की मांग

सतना के आदित्य नारायण पांडे ने 20 EWS अभ्यर्थियों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने UPSC परीक्षा में EWS उम्मीदवारों को अतिरिक्त प्रयास और आयु सीमा में छूट देने की मांग की थी। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल सहित अन्य वकीलों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना पक्ष रखा था।

कपिल सिब्बल की दलील

हाईकोर्ट में कपिल सिब्बल ने तर्क दिया था कि जैसे पूर्व में माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में EWS को पांच साल की आयु सीमा में छूट दी गई थी, वैसे ही UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा-2025 में भी EWS उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट मिलनी चाहिए, क्योंकि EWS भी SC, ST और OBC की तरह छूट के हकदार हैं।

हाईकोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए फैसला सुनाया कि SC, ST और OBC की तरह EWS को आयु सीमा में छूट नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने यह भी कहा कि OBC, SC, और ST को मिलने वाला आरक्षण राज्य और केंद्र सरकार में अलग-अलग होता है, इसलिए राज्य में मिलने वाली सुविधा को केंद्र में लागू नहीं किया जा सकता। फरवरी में इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था, और अब इस पर 44 पेजों का विस्तृत निर्णय दिया है।

UPSC की तय आयु सीमा

UPSC में सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा 32 साल और 6 प्रयासों की सीमा तय की गई है। SC/ST उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा 37 साल है और प्रयासों की कोई सीमा नहीं है। OBC उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा 35 साल है और 9 प्रयासों की सीमा निर्धारित की गई है।

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