भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सियासी बवाल मचा हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मंत्रिमंडल में शामिल एक वरिष्ठ मंत्री विजय शाह के बचकाने और विवादित बयान ने न केवल सरकार की छवि को झटका दिया है, बल्कि प्रदेश भाजपा को भी असहज स्थिति में डाल दिया है। संघ और संगठन में इस मुद्दे को लेकर भारी नाराज़गी बताई जा रही है।
‘मोहन के सिपहसालार बेलगाम’
यह शीर्षक यूं ही नहीं गूंज रहा… हाल के दिनों में विजय शाह लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं, जो या तो सैन्य नीतियों पर सवाल खड़े करते हैं या राष्ट्रीय गौरव के विषयों पर संदेह जताते हैं। सेना के पराक्रम पर सवाल उठाने जैसे बयान न केवल शर्मनाक हैं, बल्कि यह भारतीय राजनीति में एक गंभीर चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।
पार्टी सूत्रों की मानें तो विजय शाह के इस बयान के बाद भाजपा आलाकमान और स्वयं संघ भी नाराज़ हैं। वीडी शर्मा सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने शाह को फटकार लगाई, तो वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इस स्थिति से खासे परेशान बताए जा रहे हैं। सरकार को डिफेंस मोड में लाते हुए मंत्री को माफ़ी मांगनी पड़ी।
क्या भाजपा अब संघ के नियंत्रण से बाहर हो रही है?
इस सवाल ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है। सूत्रों का दावा है कि संघ की पकड़ अब पार्टी पर उतनी मजबूत नहीं रही, जितनी पहले हुआ करती थी। मंत्रीगणों के बेलगाम बयान और सरकार की असहाय चुप्पी इस ओर संकेत कर रही है कि प्रदेश में संगठन और सत्ता के बीच तालमेल अब उतना सधा हुआ नहीं रहा। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि पार्टी ने इस तरह के बयानों पर सख्त रुख नहीं अपनाया, तो आने वाले समय में इसका प्रभाव संगठन की साख और आगामी चुनावों पर साफ दिखेगा।