Eid-ul-Adha 2025: भोपाल में हजारों मुसलमानों ने देश और फिलिस्तीन की सलामती के लिए पढ़ी नमाज! बकरीद की सुबह का नजारा हुआ बेहद खास

Eid-ul-Adha 2025: आज राजधानी भोपाल में हजारों मुसलमानों ने ईद-उल-अज़हा यानी बकरीद के मौके पर देश और फिलिस्तीन की सलामती के लिए जमकर नमाज़ अदा की। इदगाह में शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने नमाज़ पढ़ाई जबकि ताजुल मस्जिद में मौलाना हसन साहब ने अदा की। नमाज़ के दौरान देश की सुरक्षा, न्याय की स्थापना, बीमारों की सेहत, फिलिस्तीनी भाइयों की भूख-प्यास और हालात के लिए दुआएं की गईं। यह मौके पर लोगों ने एकजुट होकर अपने अरमानों को आकाश तक पहुंचाया।

शहर की मस्जिदों में भी हुई नमाज़ की रौनक

भोपाल की कई बड़ी मस्जिदों जैसे मोती मस्जिद, जामा मस्जिद, मस्जिद बिलकिस जहाँ (अरिफ नगर) में भी समयानुसार नमाज़ें अदा की गईं। शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने ईद की नमाज़ को शांति और अच्छी बारिश के साथ खत्म किया। ताजुल मस्जिद में मौलाना हसन साहब ने सूफियों, बुजुर्गों और ज्ञानी व्यक्तियों के प्यार के रास्ते पर चलने की दुआ की। यह मौक़ा हर दिल में भाईचारे और इंसानियत की मिठास घोल गया।

Eid-ul-Adha 2025: भोपाल में हजारों मुसलमानों ने देश और फिलिस्तीन की सलामती के लिए पढ़ी नमाज! बकरीद की सुबह का नजारा हुआ बेहद खास

नमाज़ में शामिल खास दुआएं और संदेश

नमाज़ में खास तौर पर देश में शांति और न्याय के कायम रहने, देश की सीमाओं की सुरक्षा और दुश्मनों से बचाव, बीमारों की सेहत और कष्टग्रस्तों के लिए राहत की दुआ की गई। फिलिस्तीन में जूझ रहे बेगुनाहों, खासकर बच्चों और महिलाओं के भूख और प्यास से जूझने के हालात पर भी गहरी चिंता जताई गई। साथ ही दुश्मनों के विनाश और पीड़ितों के लिए सब्र और राहत की भी दुआ की गई। नमाज़ में यह भी अरदास की गई कि हम सब सूफियों और विद्वानों की तरह प्यार और मोहब्बत से जिएं।

ईद-उल-अज़हा की धार्मिक गरिमा और आयोजन की तैयारी

भोपाल में ईद-उल-अज़हा को पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार ज़िलहिज्जा के दसवें दिन आता है। बुधवार को मोती मस्जिद में मगरीब की नमाज़ के बाद चांद दिखाई देने पर शहर काजी ने ईद की घोषणा की। सुबह से ही इदगाह और मस्जिदों में नमाज़ें शुरू हो गईं। इदगाह में नमाज़ का समय सुबह 6:30 था, इसके बाद ताजुल मस्जिद में 6:45, जामा मस्जिद में 7 बजे, मोती मस्जिद में 7:15 और मस्जिद बिलकिस जहाँ में 7:30 बजे नमाज़ अदा की गई।

मुश्ताक अली नदवी का क़ुरबानी पर खास संदेश

शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने बताया कि इस्लाम में क़ुरबानी बहुत महत्वपूर्ण कर्तव्य है लेकिन इसे सही और नेक तरीके से करना हर मुसलमान की जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि क़ुरबानी का स्थान पूरी तरह से बंद हो और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। प्रशासन के नियमों का पालन करना जरूरी है ताकि इस धार्मिक कृत्य में कोई दिक्कत न आए और सभी अपने कर्तव्य को पूरी ईमानदारी से निभा सकें।

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