Shashi Tharoor की पोस्ट या कोई राजनीतिक संकेत? अमेरिका से लौटते ही लिखी दिल छू लेने वाली बात

कांग्रेस सांसद Shashi Tharoor के नेतृत्व में ऑल पार्टी संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका दौरे को शनिवार को सफलतापूर्वक समाप्त किया। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वांस और उप विदेश सचिव क्रिस्टोफर लैंडाउ से मुलाकात की। इन मुलाकातों में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने मजबूत इरादों को खुलकर सामने रखा। खासतौर पर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के मुद्दे पर भारतीय पक्ष ने पूरी गंभीरता से अपनी बात रखी।

शशि थरूर का भावुक पोस्ट और भारत के लिए समर्पण

दौरे के समापन के बाद शशि थरूर ने रविवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक बेहद भावुक हिंदी पोस्ट साझा किया। उन्होंने कविता के माध्यम से लिखा कि हमने जो कुछ कर सकते थे वह किया और अब सच्चाई दुनिया के सामने है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सौ बार जन्म लें तो सौ बार अपने वतन से प्यार करेंगे। इस कविता ने भारतीय नागरिकों और प्रवासियों दोनों को भावुक कर दिया।

यह प्रतिनिधिमंडल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की संपर्क पहल के अंतर्गत अमेरिका पहुंचा था। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की थी जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया था। इस पहल का उद्देश्य दुनिया को यह बताना था कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किस प्रकार सख्ती से खड़ा है और पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करना है।

दुनिया की 33 राजधानियों तक पहुंचा भारतीय संदेश

शशि थरूर के नेतृत्व वाला यह प्रतिनिधिमंडल उन सात भारतीय दलों में से एक था जिसे 33 वैश्विक राजधानियों में भेजा गया था। इन दलों का उद्देश्य था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बताया जाए कि पाकिस्तान किस प्रकार आतंकवाद का समर्थन कर रहा है। भारत की यह कूटनीतिक रणनीति अब असर दिखा रही है और दुनिया भारत के पक्ष को गंभीरता से सुन रही है।

प्रतिनिधिमंडल ने 3 जून को वॉशिंगटन डीसी में कदम रखा और तीन दिनों तक अमेरिका के सांसदों से लेकर थिंक टैंक विशेषज्ञों तक मुलाकातें कीं। थरूर ने बताया कि व्हाइट हाउस में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वांस से लगभग 25 मिनट की जो मुलाकात हुई वह बेहद सकारात्मक रही। वांस ने पहलगाम हमले को लेकर नाराजगी जाहिर की और भारत की संयमित प्रतिक्रिया का समर्थन किया। इससे साफ है कि अमेरिका जैसे देश अब भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति के साथ खड़े हो रहे हैं।

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