Goa News: डॉक्टर पर गुस्साए मंत्री का वायरल वीडियो! डॉक्टर पर गरजे मंत्री तो कूद पड़े सीएम, डॉक्टर रुद्रेश को नहीं किया जाएगा सस्पेंड

Goa News: गोवा मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के एक डॉक्टर को डांटते हुए स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में मंत्री डॉक्टर पर नाराजगी जाहिर करते दिखाई दिए। उन्होंने डॉक्टर को जेब से हाथ निकालने और मास्क हटाने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने डॉक्टर को सस्पेंड करने की बात भी कह दी। मंत्री का यह रवैया जनता को पसंद नहीं आया और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की सफाई और समर्थन

इस मामले को लेकर जब विवाद बढ़ा तो गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को आगे आना पड़ा। उन्होंने खुद इस मुद्दे की समीक्षा की और स्पष्ट किया कि डॉक्टर रुद्रेश कुट्टीकर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने इस विषय पर स्वास्थ्य मंत्री से बात की है और जनता को आश्वस्त करते हैं कि डॉक्टर पर कोई निलंबन नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों की मेहनत और सेवा की सराहना भी की।

स्वास्थ्य मंत्री ने मांगी माफी और दी सफाई

स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बाद में अपने रवैये को लेकर सफाई दी और कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह एक मरीज की शिकायत के आधार पर था। उन्होंने यह भी माना कि उनका व्यवहार अनुचित था और ऐसा दोबारा नहीं होगा। उन्होंने जनता से माफी मांगते हुए कहा कि वह डॉक्टरों के काम की इज्जत करते हैं और भावनाओं में आकर ऐसा व्यवहार कर बैठे।

डॉक्टर के समर्थन में उतरे लोग और मेडिकल कम्युनिटी

जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ वैसे ही मेडिकल समुदाय और आम जनता डॉक्टर के समर्थन में सामने आ गई। कई लोगों ने कहा कि डॉक्टरों के साथ इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है खासकर तब जब वे मरीजों की जान बचाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर हैशटैग के साथ डॉक्टर रुद्रेश को सपोर्ट मिलना शुरू हो गया और लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री से माफी की मांग की।

सरकार की छवि और स्वास्थ्य सेवा पर सवाल

इस विवाद के बाद राज्य सरकार की छवि पर भी असर पड़ा और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी सवाल उठने लगे। हालांकि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने स्थिति को संभालते हुए डॉक्टर के समर्थन में बयान देकर जनता को शांत किया। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देती है और डॉक्टरों की मेहनत को सलाम करती है। इस बयान से जनता को राहत मिली और विवाद कुछ हद तक शांत हुआ।

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