Bhopal News: गुजरात में मिली सफलता के बाद कांग्रेस ने अब मध्यप्रदेश में भी ‘सृजन अभियान‘ की शुरुआत कर दी है। इसका उद्देश्य पार्टी को फिर से जमीनी स्तर पर मजबूत करना है। यह अभियान 10 जून से शुरू हुआ है और 30 जून तक चलेगा। इसमें मंडल और सेक्टर स्तर पर कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया जा रहा है। इसके तहत समूह बैठकें हो रही हैं जिनमें कांग्रेस की विचारधारा को लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। यह प्रयास केवल चुनाव की तैयारी नहीं बल्कि पार्टी को फिर से लोगों के करीब लाने का रास्ता है।
जिला अध्यक्ष की खोज में ईमानदारी और जनसंवाद प्राथमिकता
सृजन अभियान के केंद्र में एक ऐसी टीम तैयार करना है जो वफादार और मेहनती हो। खास तौर पर कांग्रेस अब ऐसे जिला अध्यक्षों की तलाश कर रही है जो ईमानदार हों और जमीनी स्तर से जुड़ाव रखते हों। इसके लिए पार्टी के बड़े पदाधिकारी से लेकर सामान्य कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं तक की राय ली जा रही है। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रखी गई है ताकि किसी भी स्तर पर पक्षपात की गुंजाइश न रहे। कांग्रेस का मानना है कि जब तक नेतृत्व नीचे से ऊपर तक विश्वसनीय नहीं होगा तब तक जनता का भरोसा दोबारा नहीं जीता जा सकता।
हर जिले में पहुंचेगा संगठन का संदेश
राज्य प्रभारी हरीश चौधरी खुद अगले पांच दिन मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे। 16 जून को वे रायसेन के सिलवानी में ब्लॉक कांग्रेस की बैठक करेंगे और फिर भोपाल लौटकर विदिशा प्रोजेक्ट की समीक्षा करेंगे। 17 जून को बैतूल जिले के प्रभातपट्टन और अथनेर में कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। उसी दिन हरदा के करताना में भी बैठक रखी गई है। 18 और 19 जून को वे विदिशा और नर्मदापुरम में जिला स्तरीय बैठकों में शामिल होंगे। इस दौरे का मकसद कार्यकर्ताओं को उत्साहित करना और संगठन की मजबूती के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश देना है।
युवाओं और वंचित वर्गों को संगठन से जोड़ने की पहल
कांग्रेस की प्रभारी दिव्या मदारणा ने बताया कि यह अभियान सिर्फ ढांचा खड़ा करने का नहीं बल्कि संगठन में नई जान डालने का काम है। उन्होंने कहा कि अब निर्णय कार्यकर्ता लेंगे कि उन्हें कैसा नेतृत्व चाहिए। इस अभियान के जरिए कांग्रेस युवाओं महिलाओं दलितों आदिवासियों और किसानों तक अपनी विचारधारा पहुंचाएगी। गांवों और बस्तियों में जाकर संवाद स्थापित किया जाएगा ताकि हर तबके की आवाज संगठन में सुनी जा सके। यह पहल पार्टी को सिर्फ चुनावी मजबूती नहीं बल्कि वैचारिक मजबूती भी देगी।
विचारधारा की लड़ाई में कांग्रेस का नया दांव
दिव्या मदारणा ने कहा कि कांग्रेस समावेश की राजनीति कर रही है जबकि बीजेपी ध्रुवीकरण की राजनीति में लगी है। उनका मानना है कि जनता अब वैकल्पिक राजनीति की तलाश में है और कांग्रेस इस जरूरत को पूरा करने के लिए खुद को तैयार कर रही है। बूथ स्तर तक जाकर मंडल और सेक्टर अध्यक्षों से बातचीत की जा रही है। पार्टी का उद्देश्य है कि कार्यकर्ता न सिर्फ संगठन से जुड़े रहें बल्कि निर्णय प्रक्रिया में भी उनकी भागीदारी हो। यह अभियान देश की राजनीति में विचारधारात्मक संतुलन लाने का प्रयास भी है।