उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन में कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए कोरिया से विशेष प्रकार के मास्क और ग्लव्स मंगवाए गए हैं. ये सब नागदा निवासी मोती लाल सिंह ने खासतौर पर दिन रात सेवा में खड़े कोरोना वॉरियर्स के लिए किया है. कोरिया से मंगाये गये ये ग्लव्स और मास्क फाइबर और नाइलॉन से बने हैं|
इस ग्लव्स पर टच करते ही जल उठता है बल्ब
ये बाकी मास्क की अपेक्षा काफी सुरक्षित है. बता दें कि कोरोन् संक्रमण के शुरुआती दौर में WHO के आदेश अनुसार केंद्र ने फिल्टर वाले मास्क को ही सबसे सुरक्षित माना था, लेकिन बाद में WHO ने खुद स्वीकार किया था कि फिल्टर वाले मास्क लोगों की सेफ्टी के लिए सही नहीं है. मास्क को लेकर सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार और WHO को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था|
इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए नागदा नीवासी मोती सिंह ने कोरोनॉ योद्धाओं व नागदा वासियों के लिए कोरिया से विशेष तौर पर मास्क और ग्लव्स मंगवाए. जो लोगों की सेफ्टी का पूरा ध्यान रखने के साथ ही अलग लुक भी देते हैं.इन मास्क और ग्लव्स पर टच करने पर बल्ब भी जलता है. मास्क मंगवाने वाले मोती सिंह ने बताया कि मास्क और ग्लव्स कॉपर प्लस और नाइलॉन को मिलाकर बनाया गया है. जो एंटीबैक्टीरियल मास्क है और एक ऊर्जा पैदा करता है. जिस्से कीटाणु बिल्कुल नहीं टिकते और स्वतः ही खत्म हो जाते है|
साथ ही मोती सिंह ने रोचक जानकारी देते हुए बताया कि इनकी एक समय सीमा है 15 दिन और महीना भर उसके बाद ये अपने आप नीले पड़ जाते हैं. कोरिया से मास्क मंगवाने का कारण मोती सिंह का कहना है कि आम जनता के लिए दिन रात एक योद्धा बन कर उनकी सुरक्षा के लिए तत्पर रहने वाले प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर, सफाई कर्मी व अन्य लोगों की सुरक्षा ज्यादा जरूरी है. कोरिया के इन मास्क की हमे जनकारी मिली थी तो हमने सबसे पहले सैंपल के तौर पर मंगवाए. उसके बाद ये हमे इतने पसंद आए की हमने ये और अधिक मात्रा में मंगवाकर सभी कोरोना योद्धाओं में बांटा. जिसमें, एसडीएम, कलेक्टर, एसपी व अन्य सभी शामिल हैं|