भोपाल: मध्य प्रदेश की पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी को सरकारी बंगला खाली करना का नोटिस भेजने वाले अधिकारी पर गाज गिर गई है साथ ही नोटिस को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है. पीडब्ल्यूडी के अफसर ओम हरि शर्मा की ओर से इमरती देवी को ग्वालियर आवास खाली करने का नोटिस भेजा गया था, अब उन्हें भोपाल ऑफिस अटैच कर दिया गया है गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में मंत्री बनने के बाद इमरती देवी को ग्वालियर के झांसी रोड स्थित बंगला नंबर 44-A आवंटित किया गया था|
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जब वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुईं तो न उनका मंत्रालय बदला और न ही बंगला बीते उपचुनाव में इमरती देवी डबरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश राजे के हाथों हार गई थीं. इस कारण उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. पीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ओम हरि शर्मा ने नोटिस जारी किया कि इमरती देवी को सरकारी बंगला उनके पद पर रहने तक के लिए आवंटित था. चूंकि अब वह पद पर नहीं हैं इसलिए उन्हें तत्काल बंगला खाली कर पीडब्ल्यूडी को सौंप देना चाहिए. इमरती देवी ने इस नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ”मैंने व्हाट्सएप पर बंंगला खाली करने का नोटिस पढ़ा. मंत्री पद से इस्तीफा जरूर दे चुकी हूं, लेकिन अभी मेरा रेजिग्नेशन मंजूर नहीं हुआ है|
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सिंधिया की वफादार मानी जाने वाली इमरती देवी पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल होने के बाद इमरती देवी ने भी कमलनाथ सरकार का साथ छोड़ दिया था. वह उन 22 विधायकों में शामिल थीं, जिन्होंने सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ी थी. शिवराज की सरकार बनी तो इमरती देवी को वही मंत्रालय मिला जिसकी मंत्री वह कमलनाथ सरकार में थीं. लेकिन वह डबरा से उपचुनाव हार गईं, जिसके कारण उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा. हालांकि, इमरती देवी का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है|
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