भोपाल | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं झाबुआ से विधायक कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉक्टर विक्रांत भूरिया युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं। भूरिया के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पिछले कई दिनों से लॉबिंग कर रहे थे। सूत्रों ने दावा किया है कि दिग्विजय सिंह ने विक्रांत को युवक कांग्रेस की कमान देने के लिए कमलनाथ को सहमत कर लिया है। इसमें बीच की कड़ी पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा बने। विधायक विपिन वानखेड़े के मैदान छोड़ने से विक्रांत के लिए रास्ता और भी आसान हो गया है। हालांकि एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी सहित 9 उम्मीदवार अब भी चुनाव मैदान में डटे हुए हैं।
युवक कांग्रेस संगठन के चुनाव गुरुवार को शुरू हो चुके हैं। पहले दिन भोपाल, ग्वालियर सहित 18 जिलों में ऑन लाइन वोटिंग हुई। शेष जिलों में 11 और 12 दिसंबर को वोटिंग होना है। युवक कांग्रेस के चलते चुनाव के बीच सज्जन सिंह वर्मा अचानक सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। वर्मा जिलों के कार्यकर्ताओं से विक्रांत को समर्थन देने के लिए संपर्क भी कर रहे हैं। चुनाव के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष के अलावा प्रदेश महासचिव, जिला अध्यक्ष,जिला महासचिव भी चुने जाएंगे।
विक्रांत भूरिया विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। पार्टी ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में झाबुआ से टिकट दिया था, लेकिन वे भाजपा के जीएस डामोर से हार गए थे। इसके बाद डामोर सांसद बन गए। जब यह सीट खाली हुई तो विक्रांत के पिता कांतिलाल भूरिया चुनाव जीत कर विधायक बन गए।
विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, डॉ विक्रांत भूरिया, संजय सिंह यादव, विवेक त्रिपाठी, अजीत बोरासी, मोना कौरव, पिंकी मुदगल, वंदना वेद और जावेद खान चुनाव मैदान में है।
इंदौर शहर व ग्रामीण, अनूपपुर, दमोह, डिंडोरी, उमरिया, भिंड, छतरपुर, गुना, मुरैना, बालाघाट, बैतूल, छिंदवाड़ा, मंडला, नरसिंहपुर, रायसेन और सागर।
प्रदेश कार्यकारिणी के लिए 11 महासचिव और 56 सचिव पदों के लिए 116 उम्मीदवार हैं। महासचिव में एक-एक अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला व अनुसूचित जाति-जनजाति और विकलांग के लिए रिजर्व किया गया है। जबकि पांच पद सामान्य होंगे। चार उपाध्यक्ष चुने जाएंगे। जिनमें से एक महिला व एक अनुसूचित जाति-जनजाति का होगा। इसके अलावा सचिव पद पर उन नेताओं की नियुक्ति की जाएगी, जो निर्धारित न्यूनतम मत हासिल करेंगे।